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जम्मू कश्मीर : प्रधानमंत्री कार्यालय के राज्यमंत्री डा जितेंद्र सिंह ने कहा कि कश्मीर से हिंदुओं को निकालने वाले अब बहा रहे हैं घड़ियाली आंसू।

जम्मू कश्मीर : प्रधानमंत्री कार्यालय के राज्यमंत्री डा जितेंद्र सिंह ने कहा कि कश्मीर से हिंदुओं को निकालने वाले अब बहा रहे हैं घड़ियाली आंसू।


जम्मू कश्मीर। प्रधानमंत्री कार्यालय के राज्यमंत्री डा जितेंद्र सिंह ने कहा है कि अब कश्मीरी पंडितों के विस्थापन पर घड़ियाली आंसू बहाने वाले नेता पंडितों के गुनाहगार हैं। उन्होंने कहा कि कश्मीरी पंडितों के नरसंहार के मामले में जांच होनी चाहिए।

वहीं डा जितेंद्र सिंह ने कहा कि कश्मीर फाइल्स फिल्म के रिलीज होने के बाद अब गुमराह करने की राजनीति करने वाले तीन दशक तक सत्ता पर काबिज रहे। उन्होंने कश्मीरी पंडित नेता टीका लाल टपलू, लस्सा कौल के साथ स्कवार्डन लीडर खन्ना के हत्यारों को आजाद घूमने दिया। डा जितेंद्र सिंह रविवार को दिल्ली में विश्व कश्मीरी समाज की ओर से आयोजित कार्यक्रम में विचार व्यक्त कर रहे थे।

वहीं उन्होंने कहा कि आज कश्मीर केंद्रित राजनीति करने वाले दलों के नेता वहीं वही बात कर रहे हैं जो भाजपा 25 साल पहले करती थी। उस समय, ये दल भाजपा पर यह आरोप लगाते थी कि पार्टी लोगों को बांटने की राजनीति कर रही है। केंद्रीय मंत्री ने कहा है कि इतिहास गवाह है कि कश्मीरी पंडितों के विस्थापन से कुछ सत्ताधारी पार्टियों व उनके नेताओं को फायदा हुआ। आतंकवाद के माहौल में उन्हें सत्ता में बने रहने का मौका मिला।

वही जितेन्द्र सिंह ने कहा कि सच तो यह है कि कश्मीर के दलों ने कश्मीरी पंडितों को बचाने के लिए कुछ नही किया। इस दौरान डा जितेन्द्र सिंह ने उन दिनों को याद किया जब युवा डाक्टर के रूप में वह अपने साथियों के साथ वर्ष 1990 की तपतपाती गर्मी में जम्मू के गीताभवन के साथ नगरोटा के जगटी विस्थापित शिविरों में रह रहे पंडितों की मदद करने के लिए जाते थे।

वहीं इस मौके पर डॉ जितेंद्र सिंह ने कश्मीरी पंडित बच्चों के लिए ग्लोबल कॉलेज एनजीओ की ओर से आयोजित किए गए पत्र लेखन प्रतियोगिता के विजेताओं में पुरस्कार बांटे इस प्रतिस्पर्धा का का विषय माय कश्मीर माय रूट माय ड्रीम स्वीट होम था इस दौरान पुनीत जोशी द्वारा तैयार किया गया पंचांग भी जारी किया गया कार्यक्रम में विचार व्यक्त करने वालों में जम्मू के मेयर चंद्र मोहन व विश्वकर्मा स्किल विश्वविद्यालय हरियाणा के उपकुलपति राज नेहरू शामिल थे।