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झारखंड : बोकारो जैविक उद्यान की इलकलौती बाघिन की गंगा में हुईं मौत।

झारखंड : बोकारो जैविक उद्यान की इलकलौती बाघिन की गंगा में हुईं मौत।


बोकारो। जवाहर लाल नेहरू जैविक उद्यान बोकारो में रह रही इकलौती बाघिन गंगा की शुक्रवार को मौत हो गई। वह लंबे अर्से से बीमार चल रही थी। बोकारो जैविक उद्यान में अपने दम पर लोगों की चहलकदमी पैदा करने वाली इस बाघिन का जन्म आठ अगस्त 2006 को छत्तीसगढ़ के भिलाई में हुई थी। वहां कुछ दिन रहने के बाद उसे बोकारो लाया गया। इधर, कुछ दिनों से वह बीमार चल रही थी। शुक्रवार की सुबह उसने अंतिम सांस लिया। 

वहीं गंगा की मौत के बाद अब चिड़िया खाने में न तो बाघ बचे हैं और न ही शेर । मौत के बाद इसकी सूचना स्थानीय प्रशासन को दे दी गई है। गंगा के शव का पोस्टमार्टम वन प्राणी संरक्षण अधिनियम के प्रावधान के तहत निस्तारण किया जाएगा। बताया जा रहा है कि बीते चार वर्ष में कई जानवरों की मौत हुई है। फिलहाल इस चिड़िया खाने की देखरेख पर्यावरण विभाग के अधिकारी कर रहे हैं।

वहीं यहां पशु चिकित्सक नहीं होने की वजह से लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। गंगा को देखने के लिए जैविक उद्यान पहुंचने वाले लोगों में मायूसी है। लोगों का का कहना है कि लोग जैविक उद्यान इस वजह से आते थे कि वहां बाघिन को देखा जा सके लेकिन गंगा की मौत के बाद अब स्थानीय लोग इस जैविक उद्यान में बाघिन को नहीं देख पाएंगे।