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कानपुर : ई बस में सवारी बन कमिश्नर ने परखी योजना , दो कंडेक्टर की सेवा की समाप्त ,  एक माह तक ड्राइवर का रोका  ड्यूटी ,

कानपुर : ई बस में सवारी बन कमिश्नर ने परखी योजना , दो कंडेक्टर की सेवा की समाप्त , एक माह तक ड्राइवर का रोका ड्यूटी ,


कानपुर । मंडलायुक्त डॉ राजशेखर मंगलवार को ग्राउंड जीरो पर चल रही योजनाओं का निरीक्षण करने एक फिर निकले। उन्होंने ई-बस सेवा की हकीकत परखने बिना किसी तामझाम के सामान्य सवारी की तरह बैठे और सफर किया। दो बसों की पड़ताल में ड्राइवर और कंडक्टर की तरफ से कई लापरवाही सामने आयीं।

लापरवाही पर मंडलायुक्त ने दोनों कंडक्टरों की सेवा समाप्त करने के निर्देश दिए, जबकि दोनों बसों के ड्राइवरों को एक माह के लिए ड्यूटी से हटाने के निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ ही एआरएम को चेतावनी देने के साथ एमडी ट्रांसपोर्ट को सेवा प्रदाता कंपनियों को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए हैं।

दरअसल, मंडलायुक्त डॉ राजशेखर आज अचानक सड़कों पर उतरे। उन्होंने एक सामान्य सवारी की तरह मोतीझील से पहले ई-बस की सवारी की। वह मोतीझील से सीएसजेएम विश्वविद्यालय तक गए। इसके बाद दूसरी ई-बस से रामा डेंटल से गोल चौराहा तक वापस आए। ई-बस को सवारियों ने तो उपयोगी बताया, लेकिन इस रियलटी चेक में मंडलायुक्त ने पाया कि यात्रियों को उतारने और बस में चढ़ाने के लिए बसों को मनमाने ढंग से सड़क के बीच में ही रोक दिया जाता है। इसके अलावा दोनों बसों के चालक सीट बेल्ट तक नहीं बांधे थे। एक ने मॉस्क नहीं पहना था, तो दूसरे का मॉस्क केवल दिखावा भर था। इससे नाराज मंडलायुक्त ने दोनों बसों के ड्राइवरों को एक माह के लिए ड्यूटी से हटाने और कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। इसके अलावा बस नंबर यूपी 78 जीटी 3576 के एक कंडक्टर ने मॉस्क और यूनीफॉर्म नहीं पहनी थी। साथ ही और वह ड्यूटी के दौरान पान मसाला भी खाए था।

वहीं, दूसरी बस के कंडक्टर ने एक सवारी से पहले पांच रूपये लिए और टिकट नहीं दिया। यात्री ने जब टिकट मांगा तो पांच रूपए और लिए और 10 रूपये का टिकट दिया। इससे नाराज कमिश्नर ने दोनों बसों के कंडक्टरों को तुरंत सेवा से हटाने के निर्देश दिए। मंडलायुक्त के मुताबिक, दोनों ई-बसों में हेल्पलाइन नंबर दर्ज नहीं था और न ही रूट वाइज और स्टॉप वाइज टिकट शुल्क सूची लगी थी। इसे देखते हुए उन्होंने ई-बसों के एआरएम को चेतावनी जारी की और एमडी सिटी बस सेवाओं को निर्देश दिए कि अगले 15 दिनों तक सभी ई-बसों में यह सुविधाएं होनी चाहिए।

इसके अलावा एमडी ट्रांसपोर्ट को निर्देश दिए गए कि निजी सेवा प्रदाताओं को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए जवाब तलब किया जाए। ई-बसों की सीसीटीवी फुटेज की क्रॉस चेकिंग के आधार पर निजी सेवा प्रदाताओं को भुगतान करने को कहा गया। इस जांच में अगर चालक और कंडक्टर का व्यवहार सविारियों के प्रति बेहतर पाया जाता है तो ही भुगतान किया जाए। अन्यथा हर लापरवाही के लिए भुगतान काटने और काली सूची में डालने के निर्देश दिए गए।