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मिर्ज़ापुर : एसटीआई जांच से मुक्त नहीं हो पाया , राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज रामगढ़
मिर्जापुर : नक्सल प्रभावित राजगढ़ ब्लाॅक के युवाओं को तकनीकी शिक्षा से लैस कर समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के सुनहरे सपने के साथ राजकीय पाॅलिटेक्निक काॅलेज निर्माण का सरकार का सपना 12वें वर्ष में भी आकार नहीं ले सका।
अपनी शाहखर्ची के लिए जाने वाली कार्यदायी संस्थान राजकीय निर्माण निगम ने कुछ इस तरह से काम किया कि युवाओं के सपनों का भवन पूरा होने से पहले ही घालमेल के घनचक्कर में जा फंसा। जिसकापरिणाम यह है कि पूरी परियोजना पर शासन ने एसआईटी जांच बैठा दी । एसआईटी जांच शुरू होने से पहले 10 करोड़ 87 लाख 49 हजार की भारी-भरकम धनराशि की लागत वाली अति महत्वाकांक्षी परियोजना पर जनता के गाढ़ी कमाई का लगभग 10 करोड़ 33 लाख 1200 रुपये खाक हो चुका था। राज्य सेक्टर में 2010 में परियोजना का शिलान्यास हुआ। परियोजना को 2016 तक पूरा करने का लक्ष्य था। इसे दुर्योग ही कहेंगे कि पाॅलिटेक्निक भवन का निर्माण कार्य 2015 से ठप पड़ा हुआ है। हालांकि मुख्य प्रशासनिक भवन, वर्कशाप आदि का ढांचा खड़ा हो गया है। आवास के साथ साफ-सफाई का कार्य अभी बाकी है। स्वीकृत धनराशि के सापेक्ष काम नहीं हो पाया है। काम पूरा नहीं होने से सरकार ने राजकीय पॉलिटेक्निक राजगढ़ समेत पूरे प्रदेश में करोड़ों की लागत वाले137 परियोजनाओं पर एसआईटी जांच बैठा दिया। परियोजना प्रबंधन की ओर से सारे डाक्यूमेंट्स आदि जांच के लिए एसआईटी के हवाले कर चुके हैं। कब जांच का अंत होगा और कब भवन पूरा होगा, फिलहाल यह बताने की स्थिति में कोई नहीं है।
राजकीय पाॅलिटेक्निक काॅलेज के प्रधानाचार्य राकेश वर्मा ने बताया कि राजकीय पालीटेक्निक कालेज भवन निर्माण का मामला शासन के संज्ञान में है। जिला प्रशासन की बैठक के माध्यम से भी शासन को याथास्थिति से अवगत कराया गया है।
राजकीय पाॅलिटेक्निक काॅलेज का भवन भले ही पूरा नहीं हुआ है, लेकिन छह वर्ष पहले यानी वर्ष-2017 से ही राजगढ़ पाॅलिटेक्निक में कक्षाएं चल रही हैं। राजगढ़ के छात्रों की क्लास जनपद मुख्यालय के बथुआ स्थित राजकीय पालीटेक्निक कालेज में संचालित की जा रही है। तीन ब्रांच मैकेनिकल रेफ्रिजरेशन, मैकेनिकल ऑटो व कंप्यूटर साइंस। छह प्रवक्ता व दो वर्कशॉप इंसट्रेक्टर नियुक्त हैं।