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एक मां जिसे बेटे के लिए रखती थी जिउतिया का व्रत, वही अब घर ले जाने को तैयार नहीं , जानें क्या हुईं कार्यवाही

एक मां जिसे बेटे के लिए रखती थी जिउतिया का व्रत, वही अब घर ले जाने को तैयार नहीं , जानें क्या हुईं कार्यवाही



पटना. समय के साथ सामाजिक तानाबाने में भी बदलाव आया है. 21वीं सदी में रिश्‍तों के मायने भी बदले हैं. इन तमाम बदलावों के बावजूद मां और संतान के संबंध में किसी तरह का परिवर्तन आने की कल्‍पना नहीं की जा सकती है. इन सबके बीच एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसे जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे. दरअसल, गोपालगंज में एक बुजुर्ग मां ने बेटे और बहू की प्रताड़ना से तंग आकर घर छोड़ दिया. बेटा चाहता था कि उनकी मां घर में नौकरानी की तरह रहे. लगातार मिल रहे कष्‍ट से तंग आकर एक दिन बुजुर्ग महिला ने घर छोड़ दिया. वह पैसेंजर ट्रेन में चढ़ गईं और भटकते-भटकते पटना पहुंच गईं. यहां पुलिस ने उन्‍हें लावारिस हालत में देखा तो उनसे पूछताछ की और तब सारा माजरा सामने आया. हैरत की बात यह है कि जब पुलिस ने बुजुर्ग महिला के परिजनों से संपर्क साधा तो बेटे ने अपनी ही मां को घर लाने से इनकार कर दिया.


महिला की पहचान गोपालगंज निवासी जलेबिया देवी (72) के तौर पर की गई है. जलेबिया देवी की बेटी और दामाद को जब इस बात का पता चला तो उन्‍होंने बिहार के मंत्री जनक राम से संपर्क कर पूरी घटना से उन्‍हें अवगत कराया. इसके बाद जनक राम पटना पुलिस से बात कर जलेबिया देवी को अपने आवास पर ले आए. जलेबिया देवी फिलहाल वहीं हैं. उनके आंसू थमने के नाम नहीं ले रहे हैं. मंत्री जनक राम भी पूरी घटना के बारे में जानकर हतप्रभ हैं. उनकी मां और पत्‍नी भी हैरान हैं कि कोई अपनी मां के साथ ऐसा व्‍यवहार कर सकता है. भावनात्‍मक रूप से बिखरी जलेबिया देवी शारीरिक तौर पर भी अस्‍वस्‍थ हैं.


जलेबिया देवी 3 बेटों की मां हैं. उनका भरा-पुरा परिवार है, लेकिन उनकी आंखों से लगातार टपकते आंसू उनकी कहानी को बयां करते हैं. बेटों की प्रताड़न से तंग आकर जलेबिया देवी एक दिन घर छोड़ कर कहीं चली गईं. वह भटकते-भटकते गोपालगंज से दूर निकल गईं. उनका कहना है कि उनके बेटे और बहू उनके साथ मार-पिटाई करते हैं. बेटे चाहते हैं कि खाना खिलाने के एवज में जलेबिया देवी घर का काम करें. यानी उनके बेटे अपनी की मां को अम्मा के रूप में कम और नौकरानी के रूप में ज्‍यादा देखना चाहते थे. बात न मानने पर उन्‍हें भरपेट भोजन तक नहीं दिया जाता था.बेटों के साथ-साथ बहू भी प्रताड़ित करने से नहीं चूकती थीं. जलेबिया देवी बीमार हैं. उनके दोनों पांव फूल गए हैं, लेकिन इलाज की बात तो दूर बेटे घर में रहने पर कुशल क्षेम तक नहीं लेते थे.


जलेबिया देवी किसी तरह सासाराम पैसेंजर ट्रेन में बैठकर पटना पहुंच गईं. पटना रेल पुलिस ने उन्हें लावारिस स्थिति में देखा तो अपने साथ रख लिया, लेकिन बेटों ने उनकी कोई सुध नहीं ली. बेटे बूढ़ी मां को घर ले जाने को तैयार नहीं हैं. इस बीच जलेबिया देवी की बेटी और दामाद को पता चला तो उन्‍होंने मंत्री जनक राम से संपर्क किया और उन्हें सारी स्थिति की जानकारी दी. मंत्री जनक राम ने पटना पुलिस के अधिकारियों से बात की और जलेबिया देवी को अपने आवास पर भेजने का अनुरोध किया. जहां उन्होंने मंत्री से मुलाकात कर अपने कलयुगी बेटे और बहू की करतूत से परिचित करवाया। जिसके बाद आरोपी बेटा और बहू को मां और परिवार के साथ दुष्टतापूर्वक व्यवहार को लेकर मुक़दमा दर्ज कराकर कानून का सबक सिखाया ।