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नई दिल्ली : देश में कोरोना और ज्‍यादा घातक बना ओमिक्रॉन डेल्‍टा का चौथा वेरिएंट।

नई दिल्ली : देश में कोरोना और ज्‍यादा घातक बना ओमिक्रॉन डेल्‍टा का चौथा वेरिएंट।

                          Sumit Malviya City Reporter

नई दिल्ली। दुनिया के कई देशों में कोराना की चौथी लहर कहर मचा रही है। भारत में अबतक इसके आने के कोई संकेत नहीं हैं। इस बीच केंद्र सरकार ने बीते 2 साल से देश में लागू कोरोना प्रतिबंध हटा लिए हैं। हालांकि, मास्‍क पहनने की सलाह दी गई है। इधर कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन और डेल्‍टा के मेल से बने सब वेरिएंट बीए.2 को कोरोना की चौथी लहर का जिम्‍मेवार माना जा रहा है।

वहीं ओमिक्रॉन+डेल्‍टा के मेल से बना सब वेरिएंट बीए.2 के लगातार घातक होते जाने की रिपोर्ट से केंद्र से लेकर राज्‍य सरकारें अलर्ट हो गई है। आम आदमी की चिंताएं एक बार फिर कोरोना वायरस के खतरनाक संक्रमण को लेकर बढ़ गई है। इस बीच देश से अच्‍छी खबर ये आ रही है कि यहां लगातार कोरोना संक्रमण के मामले कम होते जा रहे हैं। बीते दिन अलग-अलग राज्‍यों में कुल 1233 कोरोना वायरस संक्रमितों की पहचान की गई। जबकि 28 कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत इलाज के क्रम में हो गई। झारखंड में सिर्फ 10 कोरोना पॉजिटिव केस मिले हैं।

वहीं ऐसे बहुत से लोग हैं जिन्होंने जाने या अनजाने में अपनी नाक और गले में कोरोना वायरस ले लिया हो। हालांकि, उनकी मजबूत राेग प्रतिरोधक क्षमता के चलते कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ। अध्‍ययन के मुताबिक कोरोना के पहले के वेरिएंट बहुत हमलावर नहीं रहे। जबकि वर्तमान में ओमिक्रॉन+डेल्‍टा के मेल से बना नया सब वेरिएंट बीए.2 ज्‍यादा घातक बन गया है। यह शरीर के दूसरे हिस्‍सों के बदले सीधे गला पर अटैक कर रहा है। ऊपरी सांस प्रणाली के साथ ही यह नाक और गला को जाम कर देता है।

वहीं अपने मजबूत संक्रमण क्षमता के चलते यह बहुत तेजी से फैलता है। विशेषज्ञ बताते हैं कि जब भी दो वेरिएंट के मेल से नया कोई सबवेरिएंट तैयार होता है, तो उसकी ताकत कई गुणी बढ़ जाती है। अलग-अलग इम्‍यूनिटी वाले लोगों के शरीर में प्रविष्‍ट कर यह लगातार खुद को म्‍यूटेंट करता रहता है। विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन की ओर से जारी की गई चेतावनी पर नजर डालें तो इसमें साफ कहा गया है कि कोरोना की चौथी लहर पहले के मुकाबले बेहद तेज गति से आने वाली है।

वहीं कोरोना संक्रमण की निश्चित रूप से उम्र हो सकती है। देखा गया है कि कैसे बच्चे कोविड से संक्रमित नहीं होते हैं। ऐसे में उनके कोरोना संक्रमित होने की संभावनाएं दुर्लभ हैं। युवा वयस्कों में मृत्यु दर शून्य के करीब है। वहीं 60 साल से अधिक आयु वर्ग वाले लोगों में कोरोना वायरस की अधिक गंभीरता दि‍खती है। बीए.2 के बारे में नई रिपोर्ट में कहा गया है कि जन्मजात प्रतिरक्षा प्रणाली और प्रकृति अनुकूल प्रतिरक्षा प्रणाली इस घातक सब वेरिएंट से सुरक्षा प्रदान करने में कई तरह से मदद करती है। जिन व्यक्तियों में IgA एंटीबॉडी होते हैं उनका शरीर सुरक्षा गार्ड की तरह कार्य करते हैं।

वहीं ओमिक्रॉन+डेल्‍टा पर आया ताजा अध्‍ययन यह है कि इससे पहले एक दो दिन लोगों की नाक में हल्का संक्रमण हो सकता है, इसके बाद यह गला को जाम कर देगा। कफ की मोटी परत से गला लगातार सिकुड़ता जाएगा। जबकि पाचन तंत्र को भी यह बुरी तरह प्रभावित कर सकता है। शरीर में दर्द और थकान इसके मुख्‍य लक्षण हैं। 

वहीं जब शरीर में आईजीए एंटीबॉडी बनेगा तो यह शरीर को संक्रमण मुक्‍त करेगा। कोरोना वायरस संक्रमण से अछूते रहे लोगों के अलावा यह पहले कोरोना संक्रमित हो चुके लाेगों को भी अपनी चपेट में ले सकता है। इससे बचाव के लिए कोरोना टीकाकरण सबसे बेहतर उपायों में एक है। इससे शरीर की इम्‍यूनिटी मजबूत होने के साथ ही कोरोना वायरस से लड़ने वाला एंटीबाडी भी डेवलप होता है।

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