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नई दिल्ली : अब मच्छरज्ञान में फेल हुए नगर निगम स्कूल के विद्यार्थी तो नपेंगे मास्टर जी।
नई दिल्ली। मच्छरजनित बीमारियां कैसे होती है, उसको कैसे रोका जाता है और अगर किसी को डेंगू-मलेरिया हो जाए तो क्या करना चाहिए ऐसे सवालों के जवाब देने में अगर नगर निगम के स्कूलों के विद्यार्थी फेल हुए तो उनके मास्टर कार्रवाई की जद में होंगे। मच्छरजनित बीमारियों को रोकने के लिए उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने विशेष अभियान चलाया है।
वहीं जिसमें निगम के स्कूली बच्चों को सक्रिय रूप से शामिल किया जाएगा। अभियान का उद्देश्य बच्चों के घर और आस-पास मच्छरजनित बीमारियों न हो। इसके लिए निगम ने अपने सभी शिक्षकों की भी कार्यशाला आयोजित कर उनको जागरुक कर दिए हैं। अब यह शिक्षक अपने-अपने कक्षा के बच्चों को जागरुक करेंगे।
वहीं उत्तरी निगम के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हमारा उद्देश्य दिल्ली वासियों को मच्छरजनित बीमारियों से बचाना है। इसमें सबसे बड़ा योगदान जागरुकता है। अगर, शहर का नागरिक जागरुक है तो हम इन बीमारियों को फैलने से रोक सकते हैं। इसलिए हमने इस अभियान में अपने निगम के सभी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को सक्रिय रूप से जोड़ने का काम शुरू किया है।
वहीं इसके तहत पहले चरण में निगम के शिक्षकों (मास्टर) जागरुक किया जाएगा। जोनल स्तर पर इसके लिए कार्याशालाओं का आयोजन हो रहा है। जिसमें इन बीमारियों की रोकथाम में अहम भूमिका निभाने वाले विशेषज्ञ कार्याशालाओं को संबोधित कर निगम के शिक्षकों को रोकथाम के उपाय बता रहे हैं।
वहीं अधिकारी ने बताया कि दूसरे चरण में शिक्षकों को अपनी-अपनी कक्षा के विद्यार्थियों को मच्छरजनित बीमारियों (डेंगू-मलेरिया और चिकनगुनिया) के रोकथाम के बारे में बताना है। हर 15 दिन में विद्यार्थियों को यह जागरुकता का पाठ पढ़ाना होगा। अगले चरण में मुख्यालय स्तर के अधिकारी निगम के स्कूलों का औचक निरीक्षण करेंगे।
वहीं जो भी कक्षा में बच्चे नहीं बता पाएंगे वह शिक्षक कार्रवाई की जद में आएंगे। उल्लेखनीय है कि उत्तरी दिल्ली नगर निगम इलाके में करीब सात स्कूल हैं। जिनमें तीन लाख के करीब विद्यार्थी अध्ययन करते हैं। वहीं मच्छरजनित बीमारियों को लेकर दक्षिणी निगम ने भी सख्त रुख अख्तियार किया है। निगम ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि नालों की सफाई में कोई कोताही नहीं होनी चाहिए।
वहीं अगर, कही नालों में मच्छर पनपते हए पाए गए तो संबंधित एजेंसी का जिम्मेदार अधिकारी कार्रवाई के दायरे मे आएगा। इसके लिए निगम उक्त अधिकारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराएगा। उल्लेखनीय है कि राजधानी में नगर निगम के साथ ही लोक निर्माण विभाग, दिल्ली बाढ़ं नियत्रंण विभाग जैसी प्रमुख एजेंसी है जो नालों की सफाई में लगी रहती है।