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यूपी : कोरोना की चौथी लहर की आहट के बीच वाराणसी में सक्रिय मामले बढ़कर हुए सात।

यूपी : कोरोना की चौथी लहर की आहट के बीच वाराणसी में सक्रिय मामले बढ़कर हुए सात।

                        Vinit Jaishwal City Reporter

वाराणसी। वैश्चविक महामारी कोरोना की चौथी लहर देश के कई हिस्सों में शुरू हो चुकी है। इसकी आहट से वाराणसी में भी स्वास्थ महकमा अलर्ट मोड में है। कारण कि यहां भी धीरे-धीरे कोरोना के मामले बढ़ने लगे है। शनिवार को ही एक दिन में दो नए मामले पाए गए। इसके साथ जिले में कुछ सक्रिय संक्रमितों की संख्या अब सात हो गई है। अगर मामले बढ़कर दहाई के अंक में पहुंच गए तो वाराणसी में भी कड़ाई शुरू हो जाएगी। 

वहीं कोरोना के लगभग रोज नए मामले को लेकर विभाग ने सतर्कता बढ़ा दी है। साथ ही वैक्सीनेशन की गति बढ़ाने के साथ ही टेस्टिंग भी सभी सरकारों केंद्रों पर शुरू कर दी गई है। इसके अलावा शहर के प्रमुख अस्पतालों बीएचयू के सर सुंदरलाल अस्पताल, ट्रामा सेंटर, कबीरचौरा स्थित श्रीशिव प्रसाद गुप्त मंडलीय अस्पताल, पांडेयपुर पंडित दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल में कोरोना को लेकर सतर्कता बढ़ा दी गई है। यहां मरीजों, तीमारदारों एवं डाक्टरों, कर्मचारियों के लिए मास्क अनिवार्य कर दिया गया है। इसके अलावा बेड भी आरक्षित कर दिया गया है।

वहीं बीएचयू के सर सुंदरलाल अस्पताल में इस बार शताब्दी सुपर स्पेशियलिटी ब्लाक में कोरोना वार्ड नहीं बनेगा। कोशिश की जा रही है कि पुराने महिला वार्ड को इसबार कोरोना वार्ड बनाया जा सकता है। कारण कि महिला वार्ड अब एमसीएच विंग में स्थानांतरित हो चुका है। इसके अलावा दीन दयाल अस्पताल में 54 बेड रिजर्व कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों में भी मास्क अनिवार्य कर दिया गया है। 

वहीं बीएचयू से लेकर कबीरचौरा व दीनदयाल अस्पताल में मास्क जरूरी कर दिया गया है। वहीं दूसरी ओर कई लोग कोरोनारोधी वैक्सीन लगवाने से पीछे रहे गए हैं। हालांकि, उन लोगों की संख्या करीब 26 लाख से अधिक हैं जो कोरोना की पहली व दूसरी डोज लगवा चुके हैं। हालांकि, प्रीकाशनरी (बूस्टर) डोज लगाने में प्राइवेट अस्पताल वाले बिल्कुल ही रुचि नहीं दिखा रहे हैं। लोगों का कहना है कि सरकार ने दर निर्धारण की घोषणा व्यापक पैमाने पर कर दी है। यानी कोरोना वैक्सीन की रेट जग जाहिर हो गई है। यही कारण है कि प्राइवेट सेंटर प्रीकाशनरी डोज लगाने में आनाकानी भी कर रहे हैं।

वहीं वैसे तो करीब दर्जनभर प्राइवेट अस्पताल वैक्सीन लगाने के लिए सरकार के पोर्टल पर पंजीकृत हैं, लेकिन गुरुवार को मात्र तीन सेंटर ही खुले थे। मालूम हो कि 18 से 60 वर्ष तक आयु वाले लोगों की बुस्टर डोज सरकारी केंद्रों पर लगना बंद हो गया है, जहां पर यह सेवा मुफ्त में दी। पिछले सप्ताह यह जिम्मेदारी निजी अस्पताल को दी गई। लोग भी इसके प्रति लापरवाह हो गए हैं। 

वहीं प्राइवेट अस्पताल वालों का कहना है कि लोग आ ही नहीं रहे हैं तो वे प्रीकाशनरी डोज कैसे लगाएं। हालांकि, अन्य श्रेणी में वैक्सीनेशन का कार्य लगभग ठीक चल रहा है। बूस्टर डोज के मामले में स्थिति अभी भी रेंग रही है, जबकि कोरोना के धीरे-धीरे मामले बढ़ने लगे हैं।