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यूपी : वाराणसी में उच्चतम न्यायालय के आदेश के अनुपालन से मंदिरों से उतारे गए ध्वनि विस्तारक यंत्र।
वाराणसी। मंदिर मस्जिद में लाउडस्पीकर को लेकर विवाद के बाद बीते सोमवार को अर्दली बाजार स्थित बड़े महावीर मंदिर के महंत शैलेंद्र कुमार द्विवेदी उर्फ बब्बू महराज ने लाउडस्पीकर उतार दिया। इसके अलावा पांडेयपुर स्थित काली मंदिर के भी लाउडस्पीकर की आवाज कम कर दी गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ईद व अक्षय तृतीया के मद्देनजर मस्जिद व मंदिर पर से लाउडस्पीकर उतारने या आवाज कम करने का आह्वान किया था, ताकि प्रदेश में सौहार्दपूर्ण वातावरण बना रहे।
वहीं महावीर मंदिर से लाउडस्पीकर उतारने के बाद महंत ने बताया कि मुख्यमंत्री के अनुरोध को स्वीकार करते हुए उन्होंने ऐसा किया है, ताकि किसी को दिक्कत न होने पाए। उनका कहना है कि तुलसीदास ने काशी में कुल पांच हनुमान मंदिरों की स्थापना की थी, उनमें से एक पंचकोसी मार्ग स्थित बड़े महावीर मंदिर की स्थापना उनके हाथों हुई थी। वर्तमान में वरुणापार के प्रमुख मंदिर है। इस मंदिर से एक शांति का संदेश देने की कोशिश की गई जिससे दूसरे लोग भी अनुसरण करें। अपील कि दूसरे मंदिर के महंत भी लाउडस्पीकर हटाएं।
वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से प्रदेश के सभी मंदिर मस्जिद के पुजारियों से अनुरोध किया गया था कि लाउडस्पीकर की आवज कम रखे या बंद रखे, इस अनुरोध को मानते हुए अर्दली बाजार स्थित बड़े महावीर मंदिर पर लगे लाउडस्पीकर को कई दिन पहले से कनेक्शन रहित कर दिया गया था, आज उसे नीचे भी उतार दिया गया।
वहीं धार्मिक स्थलों में लाउडस्पीकर की आवाज को लेकर उपजे विवाद के बाद प्रदेश में इसे लेकर विशेष सतर्कता बरती जा रही है। लाउडस्पीकर की निर्धारित मानक से तेज आवाज को लेकर शासन का रुख सख्त है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि सभी को धार्मिक स्वतंत्रता है, लेकिन माइक की आवाज धार्मिक परिसर के बाहर नहीं जानी चाहिए। उनके निर्देश के बाद ही गोरखनाथ मंदिर के लाउडस्पीकर की आवाज कम कर दी गई थी। प्रदेश के कई अन्य प्रमुख धार्मिक स्थलों मेें भी लाउडस्पीकर की आवाज धीमी कर दी गई है।
वहीं शासन ने वर्ष 2018 में भी ध्वनि प्रदूषण के नियमों का सख्ती से अनुपालन कराने का निर्देश जारी किया था। गृह विभाग की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि कई धार्मिक स्थलों में निर्धारित डेसिबल का उल्लंघन किये जाने की शिकायत आई है। औद्योगिक, वाणिज्यिक, रिहायशी व शांत क्षेत्रों में दिन व रात के लिए अधिकतम ध्वनि तीव्रता निर्धारित है। हर जिले में इन ध्वनि मानकों का अनुपालन सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया गया है।