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यूपी : वाराणसी सहित प्रदेश में आचार संहिता कल होगी समाप्त, वहीं अब गांवों में विकास को लेकर शुरू होगा अभियान।

यूपी : वाराणसी सहित प्रदेश में आचार संहिता कल होगी समाप्त, वहीं अब गांवों में विकास को लेकर शुरू होगा अभियान।

                         Vinit Jaishwal City Reporter

वाराणसी। स्थानीय प्राधिकारी निर्वाचन क्षेत्र चुनाव के बाद अब आचार संहिता खत्‍म होने जा रही है। अब पंचायतों से प्रस्ताव मांगे जाएंगे और इसके साथ ही संचालित योजनाओं को समय से पूर्ण करने पर जोर होगा। स्थानीय प्राधिकारी निर्वाचन को लेकर जारी आचार संहिता 14 अप्रैल को समाप्त हो जाएगी। अब गांव में विकास के नए प्रोजेक्ट बन सकेंगे वही विकास कार्यों को रफ्तार मिल सकेगी।

वहीं अभी तक पुराने कार्यो को पूर्ण करने पर सर्वाधिक बल था। कुछ कार्य हुए तो कुछ बाकी हैं। अब पंचायत भवनों के निर्माण कार्य को पूरी तरह अंतिम रूप दे दिए जाने की बात है वहीं लगभग आधा दर्जन गांवों में जमीन के अभाव या विवाद में पंचायत भवन का निर्माण में आई रुकावट के भी रास्ता बनेंगे। 

वहीं बताया जा रहा है कि इस बाबत ग्राम पंचायतों में अधिकारियों ने बैठक भी कराई लेकिन मामला सुलझते नहीं दिख रहा है। बहरहाल, शासन की मंशा के तहत अपडेट सभी पंचायतो को मिनी सचिवालय की तर्ज पर संचालित करने की होगी।

वहीं इसके अलावा ओडीएफ प्लस के अधूरे कार्यों को पूर्ण करने पर भी जोर होगा। इसी के साथ शासन के निर्देश के क्रम पायलट प्रोजेक्ट के तहत 176 गांवों में सोक पिट व एसएलआरएम पर भी काम होना है । इसकी भी तैयारी है। ग्राम पंचायतों से प्रस्ताव मांगे गए थे लेकिन आचार संहिता की वजह से प्रस्ताव नही आ सके। अब इस पर तेजी से कार्य होने की उम्मीद जताई जा रही है। इसके अलावा स्वच्छता मिशन पर भी काम होने हैं। सड़क, नाली, खण्डजा आदि के निर्माण पर भी इस बार फोकस रहेगा।

वहीं इसी प्रकार ब्लाक लेवल व जिला पंचायत स्तर पर भी काम होने हैं। ब्लाकों पर स्वास्थ्य मिशन की दिशा में बेहतर काम पर सरकार का पहले से जोर है। निराश्रित पशुओं को गो आश्रय केंद्र तक पहुचाने आदि पर भी तेजी से काम होंगे। हाइवे पर पशुओं की आए दिन दुर्घटना में हो रही मौत पर भी शासन चिन्तित है। इस दिशा में भी इस बार ठोस कार्य होने की बात है।

वहीं ब्लाकों पर तैनात बीडीओ की जिम्मेदारी बढ़ेगी। बताया जा रहा है कि पशु आश्रय केंद्र पर चारा के अभाव में अगर किसी पशु की मौत होगी तो सीधे बीडीओ कार्रवाई की जद में होंगे। इसके अलावा सरकारी योजनाओं से लाभार्थी अगर वंचित रहेगा तो बीडीओ को कटघरे में खड़ा किया जाएगा। शासन का निर्देश है बीडीओ मॉनिटरिंग सिस्टम को दुरुस्त करें, वरना कार्रवाई की जद में होंगे।