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यूपी : वाराणसी में प्रतिबंध के बाद भी कस्तूरबा विद्यालय में पुरुष अध्यापक करते रात्रि विश्राम, वहीं शिकायत पर सीडीओ ने कराई थी जांच।

यूपी : वाराणसी में प्रतिबंध के बाद भी कस्तूरबा विद्यालय में पुरुष अध्यापक करते रात्रि विश्राम, वहीं शिकायत पर सीडीओ ने कराई थी जांच।

                          Vinit Jaishwal City Reporter

वाराणसी। कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय, शिवपुर में एक शिकायत के आधार पर मुख्य विकास अधिकारी ने गोपनीय जांच कराई। जांच में कई खामियां मिली। आवासीय बालिका इस विद्यालय की बच्चियों ने तमाम दर्द साझा किए तो वहीं जांच टीम ने बहुत सी चीजें स्वयं पड़ताल में पकड़ी। टीम ने रिपोर्ट सीडीओ को सौंपी। सीडीओ ने 22 मार्च को बेसिक शिक्षा अधिकारी को पत्र लिखकर कार्रवाई करने का निर्देश दिया। साथ ही एक सप्ताह में रिपोर्ट मांगी लेकिन इस पर कार्रवाई नहीं हुई।

वहीं सीडीओ ने बकायदा जांच में मिली खामियों को दिखाते हुए पत्र लिखकर कार्रवाई की बात कही है। जारी पत्र में कहा है कि 14 फरवरी, 2022 को एक शिकायत के आधार पर उपायुक्त स्वत: रोजगार से जांच करायी गई। जांच अधिकारी की रिपोर्ट में कई कमियां दर्शायी गई हैं। इसमें मुख्य तौर पर कस्तूरबा बालिका विद्यालय में बालिकाओं की उपस्थिति कम की बात कही गई। इसके साथ ही प्रतिबंध के बाद भी बालिका विद्यालय में पुरुष अध्यापक के रात्रि निवास की बात भी है।

वहीं दूसरी तरफ़ स्टाक रजिस्टर उचित ढंग से अनुरक्षित नहीं किया जा रहा है। भोजन की गुणवत्ता बहुत ही खराब मिली। वार्डेन द्वारा जांच के दौरान अभिलेख प्रस्तुत नहीं किया गया और न ही जांच में सहयोग किया गया। पार्ट टाइम शिक्षक व चौकीदार की जांच में संलिप्तता दर्शायी गई है।

वहीं सीडीओ ने 22 मार्च, 2022 को जारी पत्र में कहा है कि जांच अधिकारी की आख्या इस निर्देश के साथ दिया जा रहा है कि कमियों के आधार पर कठोर कार्यवाही करते हुए कार्यवाही से एक सप्ताह के अंदर अवगत कराएं लेकिन बेसिक शिक्षा विभाग ने कार्रवाई नहीं की। जांच आख्या में बालिकाओं ने कई बातों को भी साझा किया है, जो बहुत ही पीड़ादायक है।

बता दें कि राकेश सिंह, बेसिक शिक्षा अधिकारी ने बताया कि मुख्य विकास अधिकारी का पत्र मिला है। कार्रवाई की प्रक्रिया प्रोसेसिंग में है। शीघ्र इस मामले में कार्रवाई सुनिश्चित होगी। वहीं अभिषेक गोयल, सीडीओ ने बताया कि वहीं मामला पूरी तरह संज्ञान में है। कार्रवाई होगी। पक्षकार को जवाब देने के लिए वक्त मिलना चाहिए, ताकि वह अपनी बात पूरी तरह रख सके।