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यूपी : आगरा के रास्ते नक्सलियों तक पहुंचे अवैध कारतूस, यूपी, बिहार, दिल्ली में शातिरों की हुईं तलाश।
आगरा। अवैध कारतूस उत्तर प्रदेश और बिहार के ही विभिन्न जिलों में ही नहीं नक्सलियों को भी बेचे गए। छानबीन में जीआरपी को इस संबंध में अहम सुराग मिले हैं। पेशेवर अपराधियों को भी बेचे गए। कारतूसों की तस्करी करने वाले शातिरों की धरपकड़ में यूपी, बिहार, दिल्ली में जीआरपी की टीमें डेरा डाले हुए हैं।
वहीं अवैध कारतूस तस्करों का जाल देशभर में फैला हुआ है। इनका मुखिया अमरोहा, हसनपुर निवासी प्रतीक सक्सेना है। उसने विभिन्न जिलों में सक्रिय अपने गैंग के सदस्यों के माध्यम से भारी मात्रा में कारतूस खपाए हैं। वह प्रदेश के विभिन्न जिलों के गन हाउस से अवैध तरीके से कारतूस खरीदता था और इन्हें पेशेवर अपराधियों को बेचता था। यूपी और बिहार के कई जिलों में इन अवैध कारतूसों की सप्लाई की गई।
वहीं नक्सियों को भी कारतूस बेचे जाने के सुराग मिले हैं। जांच टीम को अन्य गैंग के माध्यम से नेपाल में भी कारतूसों बेचे जाने का संदेश है। इस गैंग से जुड़े 25 से अधिक लोग रडार पर आ गए हैं। सर्विलांस की पांच से अधिक टीमें इनकी लोकेशन पता करने में जुटी हैं। प्रदेश में आगरा, फिरोजाबाद, अमरोहा, मेरठ, प्रतापगढ़, लखीमपुरखीरी में ये गैंग सक्रिय है।
वहीं इस गैंग से जुड़े फिरोजाबाद निवासी शादाब उसका भाई फैजान और प्रतापगढ़ का आशीष मिश्रा जीआरपी के हत्थे चढ़ चुके हैं। आशीष मिश्रा पर पहले से कई मुकदमे दर्ज हैं। बताया जा रहा है कि आशीष मिश्रा ने मार्च में ही प्रतीक से 9500 कारतूस खरीदे थे, जिन्हें उसने विभिन्न जिलों में बेचा। इस मामले में फरार चल रहे फिरोजाबाद का राशिद उर्फ फिरोज पर जीआरपी पहले ही 25 हजार रुपये का इनाम घोषित कर चुकी है।
1. अमरोहा, हसनपुर निवासी प्रतीक सक्सेना है अवैध कारतूस तस्कर गैंग का सरगना।
2. मेरठ से ही अब तक 20 हजार से अधिक अवैध कारतूस खरीद चुका है प्रतीक सक्सेना।
3. 22 अप्रैल को टूंडला जंक्शन से 700 अवैध कारतूस के साथ शादाब व फैजान को पकड़ा।
4. 24 अप्रैल को अवैध कारतूस तस्कर सरगना अमरोहा निवासी प्रतीक सक्सेना को गिरफ्तार किया।
5. 26 अप्रैल को प्रतापगढ़ निवासी आशीष मिश्रा को 4000 अवैध कारतूसों के साथ पकड़ा।
वहीं दूसरी तरफ़ पेशेवर अपराधियों को कारतूस सप्लाई करने के लिए अमरोहा, मेरठ से ही नहीं, आगरा के भी विभिन्न गन हाउस से अवैध तरीके से कारतूस खरीदे जाने के सुराग मिले हैं। ऐसे कई गन हाउस जीआरपी के रडार पर आ गए हैं। इन्होंने बिना खोखे जमा कराए कारतूसों को प्रतीक सक्सेना को बेचा है। ऐसे कारतूसों की संख्या हजारों में हो सकती है। जल्द ही बड़ा खुलासा हो सकता है।
बता दें कि वहीं मुश्ताक अहमद, एसपी, जीआरपी ने बताया कि वहीं अवैध कारतूस तस्करों के तार कई जिलों से जुड़े हैं। विभिन्न जिलों में ये कारतूस खपाए गए हैं। जल्द ही बड़ा खुलासा हाे सकता है। शातिरों की तलाश में टीमें जुटी हैं।