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यूपी : जालौन के गोआश्रय में भूसा पानी की व्यवस्था दम तोड़ रहे गोवंशी।

यूपी : जालौन के गोआश्रय में भूसा पानी की व्यवस्था दम तोड़ रहे गोवंशी।


जालौन। सरकार व प्रशासन के तमाम प्रयासों के बाद भी पशु आश्रय स्थलों की दशा नहीं सुधर रही है। आश्रय स्थल में गोवंशों के खाने की व्यवस्था नहीं है। अव्यवस्थाओं व भूख के कारण गोवंश की मौत लगातार हो रही है है। ग्राम पर्वतपुरा की पशु आश्रय स्थल में जानवरों के खाने की व्यवस्था न होने के कारण गोवंश के मरने का सिलसिला चल रहा है।

वहीं विकास खंड के ग्राम पर्वतपुरा में अस्थायी पशु आश्रय स्थल संचालित है। इसमें ग्राम पर्वतपुरा के साथ गणेशनगर के अन्ना गोवंशों को शरण दी जाती है। आश्रय स्थल में जानवरों के लिए हाल ही में टीन शेड लगाया गया है तथा भूसा घर का निर्माण कराया गया है। भूसा घर का निर्माण तो करा दिया गया लेकिन भूसा नहीं है। भूसा न होने के कारण गोवंश भूख से तड़प रहे हैं। 

वहीं भूख के कारण उनकी मौत हो रही है। गोशाला में बंद जानवरों के पीने के लिए बोरिग तो है लेकिन पानी पिलाने की व्यवस्था नहीं है। आश्रय स्थल के संचालन को लेकर प्रधान व सचिव कितने सजग हैं। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि आश्रय स्थल में भूख से दो गोवंश की मौत दो दिन पूर्व हो गई थी। मृत गोवंश गोशाला में ही सड़ते रहे हैं। 

वहीं ग्रामीण नारायण, कल्लू मिश्रा, जय प्रकाश कहते हैं कि पर्वतपुरा व गणेश नगर को को मिलाकर एक गोशाला चल रही है, जिसमें 30-40 जानवर हैं। इनके भी खाने पीने की उचित व्यवस्था नहीं है। खाने के भूसा न होने के कारण तथा गर्मी में पानी पिलाने की व्यवस्था न होने के कारण जानवर परेशान हैं तथा उनकी मौत हो रही है। 

वहीं गोवंशी के मरने के बाद भी जिम्मेदार ध्यान नहीं दे रहे हैं। एक तरफ मुख्यमंत्री से लेकर जिलाधिकारी तक पशु आश्रय स्थलों को लेकर गंभीर है वहीं स्थानीय प्रशासन की लापरवाही के कारण गोवंशों की भूख से मौत हो रही है।

वहीं गांव में इस समय दो सचिव की तैनाती की गई है। मनरेगा का दायित्व कनक देख रही हैं जबकि वित्तीय व अन्य व्यवस्थाओं की जिम्मेदारी प्रवीण कुमार के पास है। ग्रामीण बताते हैं कि एक तो सचिव के गांव में आने का कोई दिन या समय निर्धारित नहीं है। फोन करो तो वह फोन नहीं उठाते हैं जिससे ग्रामीणों को दिक्कत होती है। उन्हें जानकारी नहीं है। वह पता करेगें जानवरों के खाने पीने की व्यवस्था की जाएगी तथा जानवरों के मौत के जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।