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यूपी : जौनपुर में देवी मंदिरों में दर्शन-पूजन के लिए उमड़ा आस्था का सैलाब, वहीं शीतला चौकिया धाम में उमड़ा आस्था का सागर।
जौनपुर। वासंतिक नवरात्र के पहले दिन शनिवार को दर्शन-पूजन करने के लिए देवी मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी रही। शीतला चौकिया धाम व मैहर देवी मंदिर परमानतपुर परिसर देवी के जयकारे से गूंज रहा था। वेद पाठी ब्राह्माणों द्वारा सप्तशती श्लोक के पाठ से वातावरण धर्ममय होता रहा।
वहीं भक्ति गीतों व घंट-घड़ियाल की आवाज से वातावरण देवीमय हो गया। वैश्विक महामारी कोरोना के कारण दो साल से दर्शन-पूजन व अन्य धार्मिक अनुष्ठान प्रभावित हो गया था। संक्रमण की रफ्तार थमने के बाद श्रद्धालुओं में गजब का उत्साह दिखा।
वहीं शीतला चौकिया धाम में पौ फटने से पूर्व ही श्रद्धालुओं की लंबी कतार लग गई। भोर में 5.30 बजे पुजारी शिव कुमार पंडा ने मां की मंगला आरती किया। इसके बाद कपाट खोल दिया गया। दर्शन-पूजन का सिलसिला दिनभर चलता रहा। व्रती महिलाओं ने पूजन कर मां को कहाड़ी चढ़ाया। पूर्वांचल के कोने-कोने से आए श्रद्धालुओं ने मत्था टेका। नौनिहालों के मुंडन संस्कार कराए।
वहीं भीड़ को देखते हुए मंदिर के तीनों कपाट खोल दिए गए। धाम परिसर में कंट्रोल रूम स्थापित कर लगातार भीड़ को नियंत्रित करने की अपील होती रही। बड़ी संख्या में लोग दर्शन के बाद विंध्याचल धाम को रवाना हुए। मंदिर परिसर में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। सीसी टीवी कैमरा की मदद से पुलिस निगहबानी कर रही थी।मैहर देवी परमानतपुर में सुबह पौ फटने से पूर्व ही श्रद्धालु हाथ में माला, फूल, चुनरी, नारियल, अगरबत्ती, धूपबत्ती आदि लेकर कतारबद्ध हो गए थे। महिलाओं ने सिंदूर भी माता के चरणों में अर्पित किया।
वहीं उधर लोगों ने अपने-अपने घरों पर कलश स्थापना कर नौ दिवसीय देवी पूजा शुरू कर दिया। प्रात: उठकर स्नान आदि करके तमाम लोगों ने दुर्गा मंदिरों में जल चढ़ाया। शहर के पांचों शिवाला, बारीनाथ मठ, जागेश्वर नाथ मंदिर, ओलंदगंज के चौरा माता मंदिर, नव दुर्गा मंदिर विसर्जन घाट, हनुमान घाट, अचला देवी घाट समेत विभिन्न मंदिरों में भी महिलाएं और पुरुषों ने देवी को जल चढ़ाया। लोगों ने व्रत रखकर नौ दिवसीय अनुष्ठान शुरू किया है।
वहीं केराकत, गौराबादशाहपुर, सुजानगंज, मड़ियाहूं, शाहगंज, सिंगरामऊ, चंदवक, मुफ्तीगंज, बदलापुर, बरईपार समेत विभिन्न इलाकों में स्थित देवी मंदिरों में दर्शन-पूजन करने के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी थी। इसके कारण पूरा जनपद ही देवीमय होता दिख रहा है। प्रतिष्ठानों और दुकानों में विद्वान ब्राह्माणों द्वारा यजमानों ने कलश स्थापना कराया। इसके बाद सभी ने सप्तशती का पाठ शुरू कर दिया।