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यूपी : कानपुर में फर्जी दस्तावेज बनाकर तैयार होता था असली पासपोर्ट, वहीं शक के घेरे में आया लखनऊ कार्यालय से संबद्ध अफसर।
कानपुर। फर्जी दस्तावेजों के आधार पर पासपोर्ट जारी कराने के प्रकरण में पुलिस के निशाने पर आए पासपोर्ट विभाग के एक अफसर को लखनऊ कार्यालय से संबद्ध कर दिया गया है। विभाग की इस कार्रवाई से उस पर फर्जीवाड़ा करने को लेकर संदेह और गहरा गया है।
वहीं, अब तक यह समझ में नहीं आया है कि उसे पुलिस से बचाने के लिए कानपुर से हटा लिया गया या विभाग ने निष्पक्ष जांच के लिए ऐसा किया है। वहीं, अफसर ने पासपोर्ट कार्यालय में कुछ दलालों के मकडज़ाल की बात भी स्वीकारी है।
वहीं फर्जी पासपोर्ट प्रकरण में गिरफ्तार किए गए मास्टरमाइंड वसीम अली के बयानों के आधार पर पासपोर्ट विभाग में तैनात एक अफसर का नाम सामने आया था। इसके बाद भी पुलिस ने न तो उससे पूछताछ की और न ही कोई कार्रवाई। उच्चाधिकारियों ने प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए उसे लखनऊ बुलाकर अगले 48 घंटे में नए अधिकारी की तैनाती की संभावना जताई है।
वहीं दूसरी तरफ़ मीडिया से बातचीत में उक्त अधिकारी ने बताया कि कार्यालय में रोजाना करीब छह सौ से ज्यादा आवेदन सत्यापन के लिए आते हैं। इस दौरान आवेदक को मूल दस्तावेजों के साथ बुलाकर जांच की जाती है, लेकिन कुछ कर्मचारियों की मिलीभगत से कई आवेदन दलाल के माध्यम से निपटा दिए जाते हैं। ऐसी ही गतिविधियां पिछले कुछ सालों से चल रही हैं, जिसका राजफाश 24 जनवरी को पकड़े गए मास्टरमाइंड ने किया है। उनका सीधा कोई संबंध इस प्रकरण से नहीं है।