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यूपी : वाराणसी में गर्मी में बिजली उत्पादन में कोयला आपूर्ति न बने बाधा इसलिए बिना ठहराव पास हो रही कोयला लदी मालगाड़ियां।
वाराणसी। रेलवे की ओर से हर दिन उत्तर रेलवे वाराणसी रेलखंड से मालगाड़ी की 45 से 53 रैक निकाली जा रही हैं। इस बाबत परिचालन व्यवस्था पर रेलवे बोर्ड स्तर से नजर रखी जा रही है। इस लिहाज से कोयला ढुलाई के क्षेत्र में रेलवे ने नया कीर्तिमान स्थापित किया है। अत्याधिक दबाव वाले उत्तर रेलवे वाराणसी रेलखंड पर मेल/ एक्सप्रेस के साथ 45 से 53 मालगाड़ी के रैक प्रतिदिन चलाए जा रहे हैं। खास यह है कि कोयला लदे मालगाड़ियों के परिचालन व्यवस्था पर रेलवे बोर्ड स्तर से नजर रखी जा रही है।
वहीं दरअसल, गर्मी के चलते देशभर में बिजली की मांग काफी बढ गई है। परिणाम स्वरूप बिजली संयत्र कोयले की खपत भी तेज हो गई है। ऐसे में संयंत्र ठप होने के संकट की आशंका को भांपते हुए भारतीय रेलवे ने भी अपनी कमर कस ली है। समय रहते पूरा महकमा सतर्क हो गया है। कोयला लदे मालगाड़ियों को प्राथमिकता पर चलाई जा रही है। वाराणसी के रास्ते ऊंचाहार और टांडा थर्मल पावर प्लांट जाने वाले रैक को बिना किसी ठहराव के निकाला जा रहा है। इस पूरे परिचालन की निगरानी रेलवे बोर्ड स्तर पर की जा रही है।
वहीं समयबद्ध परिचालन और कोयले की ढुलाई के लिए मालगाड़ियों की गति बढ़ाई गई है। अपर मंडल रेल प्रबंधक (परिचालन) अश्विनी श्रीवास्तव के नेतृत्व में एक टीम का भी गठन किया गया है। बॉब -आर और बाॅक्सन (मालगाड़ी के प्रकार) के लोडेड वैगन को 70 से 75 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलाया जा रहा है। वहीं, एमटी (खाली) रैक को 100 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से दौड़ाया जा रहा है।
वहीं ऊंचाहार और टांडा थर्मल पॉवर प्लांट में कोयले की आपूर्ति धनबाद (झारखंड) स्थित खदान से की जाती है। उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के वाराणसी सेक्शन से औसतन 20 से 25 रैक निकाले जाते हैं। जिसकी संख्या में बढ़ोतरी आई है। मौजूदा हालात को देखते हुए डाउन और अप लाइन से प्रतिदिन 45-53 रैक निकाले जा रहे हैं।
वहीं दूसरी तरफ़ वाराणसी रेलखंड पर कोयला लदे मालगाड़ियों को प्राथमिकता के आधार पर चलाया जा रहा है। ताकि बिजली संयंत्र तक समय से आपूर्ति की जा सके।