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यूपी : वाराणसी के सभी सरकारी अस्पतालों और एचडब्ल्यूसी पर मलेरिया की जांच होंगी निशुल्क।
वाराणसी। चार से आठ घंटे के चक्र में बुखार, सिरदर्द, शरीर दर्द, ठंड लगना, पसीना आना और मिचली व उल्टी जैसे लक्षण दिखें तो तुरंत आशा कार्यकर्ता या स्वास्थ्यकर्मी से संपर्क करें। उनकी मदद से प्रशिक्षित चिकित्सक को दिखाकर उनकी सलाह पर मलेरिया की जांच कराएं। लक्षण दिखने पर तुरंत जांच और इलाज मलेरिया से बचाव का बेहतर उपाय है।
वहीं समय से जांच व इलाज न होने से मलेरिया जानलेवा हो सकता है। इसकी दवा बीच में नहीं छोड़नी है। लक्षण समाप्त होने पर भी मलेरिया का पूरा इलाज करवाना है। जिलास्तरीय अस्पतालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी), प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) और हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर्स (एचडब्ल्यूसी) में मलेरिया की जांच निशुल्क है। यह जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. संदीप चौधरी ने बीते सोमवार को दी। वह विश्व मलेरिया दिवस पर अपने कार्यालय पर जन जागरूकता संगोष्ठी में बोल रहे थे।
वहीं उन्होंने बताया कि मलेरिया में परजीवी संक्रमण और लाल रक्त कोशिकाओं के नष्ट होने के कारण थकान की वजह से एनीमिया, दौरा या चेतना की हानि जैसी स्थिति बन जाती है। सेरिब्रल मलेरिया में परजीवी रक्त के जरिये मस्तिष्क तक पहुंच जाते हैं और यह शरीर के अन्य अंगों में भी पहुंच कर हानि पहुंचाते हैं।
वहीं गर्भावस्था में मलेरिया का होना गर्भवती के साथ-साथ भ्रूण और नवजात के लिए भी खतरा है। जिला मलेरिया अधिकारी एससी पांडे ने बताया कि यह बीमारी मादा मच्छर एनाफीलिज के काटने से होती है। मलेरिया का संक्रामक मच्छर काटने के 10 से 14 दिन बाद स्वस्थ मनुष्य में यह रोग विकसित होता है।