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यूपी : वाराणसी बीएचयू और यूपी कालेज में बनेगा माडल रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम, वहीं शासन को भेजा गया एक करोड़ से ऊपर की कार्य योजना।

यूपी : वाराणसी बीएचयू और यूपी कालेज में बनेगा माडल रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम, वहीं शासन को भेजा गया एक करोड़ से ऊपर की कार्य योजना।

                          Vinit Jaishwal City Reporter

वाराणसी। व्यवस्था नहीं होने के कारण वर्षा का जल धरती के कोख संरक्षित नहीं हो पाता है। इस दिशा में भूगर्भ जल विभाग की ओर से महत्वपूर्ण पहल की जा रही है। इसके तहत बीएचयू व उदय प्रताप कालेज में माडल रूफ टाप रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाया जाएगा।

वहीं इसका प्रस्ताव शासन को भेज दिया गया है। इसमें एक करोड़ से अधिक खर्च आएगा। विभाग का दावा है कि इससे बड़े पैमाने पर वर्षा के जल को संरक्षित किया जा सकता है। यह सिस्टम तीन हजार वर्गफीट में लगाया जाएगा। इस सिस्टम को विभाग की द्वारा माडल इसलिए कहा जा रहा है।

वहीं इसका उद्देश्य न केवल वर्षा जल को संरक्षित करना बल्कि औरों को भी इसके लिए प्रेरित करना है। विभिन्न विभागों के अधिकारी व आम जनता यहां आए तो उनके यह सीख मिले कि किस तरह से रूफ टाप रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम तैयार किया जाता है।

वहीं इसके पूर्व वर्ष 2020 में संपूर्णानंद संस्कृत महाविद्यालय में लगभग 30 लाख की लागत से जबकि पिछले वर्ष उदय प्रताप कालेज में 25 लाख की लागत से रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाया जा चुका है। अगले तीन से चार दिनों में संपूर्णानंद संस्कृत महाविद्यालय में विभाग इसकी जांच करेगा कि रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने से विवि परिसर के भूगर्भ जल स्तर में क्या परिवर्तन हुआ है।

वहीं बीएचयू व यूपी कालेज में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के लिए प्रस्ताव भेज दिया गया है। स्वीकृति मिलते ही कार्य शुरू कर दिया जाएगा। इसका मकसद जल संरक्षण के साथ लोगों को प्रेरित करना है। वहीं दूसरी तरफ़ जिला पंचायत राज अधिकारी राघवेंद्र द्विवेदी ने रामेश्वर पंचक्रोशी के तीसरे पड़ाव वरुणा नदी के किनारे गंदगी का अंबार का संज्ञान लेते हुए टीम बनाकर सफाई का आदेश दिया है।

वहीं सेवापुरी ब्लाक की ग्राम पंचायत रामेश्वर में वरुणा नदी के किनारे रामेश्वर मंदिर है। यहां की सफाई की जिम्मेदारी रोस्टर के अनुसार सफाई कर्मियों को है। नदी में पानी की मात्रा कम एवं बहाव न होने कारण काई लग गई है। इस कारण पानी गन्दा प्रतीत हो रहा है। इसे ध्यान में रखते हुए सहायक विकास अधिकारी (पं0) को निर्देशित किया गया है कि सफाई कर्मियों की टोली बनाकर सफाई कराई जाय।