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यूपी : वाराणसी में आतिशबाजी से हुआ रमजानुल मुबारक के चांद का इस्तकबाल, वहीं मस्जिदों में तरावीह की नमाज शुरु।
वाराणसी। इबादतों का माह रमजानुल मुबारक के चांद का इंतजार लोगों को विशेषकर मुसलमानों को बेसब्री से था। शनिवार शाम मगरिब की अजान से पहले ही काफी लोग मैदानों, मस्जिदों, छतों पर चांद के दीदार के लिए जमा हो गए थे। मगरिब की नमाज के बाद जब चांद ने कुछ क्षण के लिए अपनी एक झलक दिखाई तो लोग खुशी से उछल पड़े। लोगों ने आतिशबाजी कर रमजानुल मुबारक के चांद का इस्तकबाल (स्वागत) किया। अब माह भर काशी में रमजान का दौर चलेगा।
वहीं इज्तेमाई रुय्यते हिलाल कमेटी की बैठक लंगड़े हाफिज मस्जिद नई सड़क में हुई। इसके बाद चांद नजर आने का एलान किया गया। बैठक में मौलाना मोहम्मद जकीउल्लाह असदुल कादरी आबादानी कामली, मुफ्ती-ए-बनारस मौलाना अब्दुल बातिन नोमानी, मौलाना हारुन रशीद नक्शबंदी, मौलाना अब्दुल्लाह नासिर कासमी, मौलाना यूनुस मदनी आदि मौजूद थे। जैसेे ही चांद होने का एलान किया गया वैसे ही लोगों ने माह रमजानुल मुबारक की मुबारकबाद देना शुरु कर दिया यह सिलसिला देर रात तक चलता रहा।
वहीं केवल रमजानुल मुबारक माह मेंं तरावीह पढ़ी जाती है। शनिवार को तरावीह पढऩे वालों की भीड़ मस्जिदों में उमड़ पड़ी। कहीं तीन दिन तो कहीं पांच दिन तो कहीं 10 दिन तो कहीं 28 दिन में हुफ्फाज पूरी कुरानपाक (कंठस्थ) सुनाएंगे। मस्जिद ढाई कंगूरा चौहट्टालाल खां के इमाम-ए जुमा व ईदैन हाफिज नसीम अहमद बशीरी ने बताया कि मस्जिद ज्ञानवापी में हाफिज ताजुद्दीन, मस्जिद खुदाबख्श जायसी (लंगड़े हाफिज) नई सड़क में हाफिज मोहम्मद इमरान, मस्जिद ढाई कंगूरा चौहट्टïालाल खां में हाफिज मोहम्मद आसिफ, मस्जिद धरहरा पंचगंगा घाट में हाफिज बेलाल अहमद, मस्जिद अजगैब शहीद राजघाट में हाफिज मोहम्मद नईम, मस्जिद लाट सरैैंया में हाफिज जुबैर अहमद ने तरावीह पढ़ाई। दूसरी ओर काफी बुर्कानशीं महिलाएं विभिन्न बाजारों में खरीदारी करते देखी गईं। सबसे अधिक भीड़ दालमंडी व नई सड़क कपड़ा मार्केट में थी।