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यूपी : गोरखनाथ मंदिर में हमला करने वाले मुर्तजा की जौनपुर में हैं ससुराल, वहीं फोन पर पत्नी को दे चुका है तीन तलाक।
गोरखपुर। जिले में गोरखनाथ मंदिर परिसर में गत रविवार को हुए हमले की घटना के आरोपित आतंकी अहमद मुर्तजा अब्बासी की ससुराल होने के नाते जौनपुर भी एसटीएफ व एटीएस के रडार पर आ गया है। छानबीन में जुटी एटीएस की टीम सोमवार को जिले में धमक पड़ी। उसके ससुर व अन्य लोगों से गहन पूछताछ की।
वहीं ससुराल वालों ने यह बताया कि वर्ष 2019 के जून माह में निकाह के तीन माह बाद ही घरेलू कलह के चलते वह मुंबई से बेटी को घर लेकर चले आए थे। बाद में अहमद मुर्तजा अब्बासी ने मोबाइल फोन पर तलाक दे दिया था। इस दौरान वह दो बार जौनपुर भी आया था।
वहीं एटीएस की टीम आइआइटी मुंबई से केमिकल इंजीनियरिंग कर चुके आरोपित मुर्तजा अब्बासी की जौनपुर में ससुराल होने का सुराग मिलने पर छानबीन के सिलसिले में सोमवार की शाम जौनपुर नगर धमक पड़ी। खुटहन थाना की सीमा से सटे रानीपुर गांव के मूल निवासी मुर्तजा अब्बासी के ससुर मुजफ्फरुल हक का नगर में तारापुर कालोनी (कटघरा) में आवास है। उनकी स्टेशन रोड पर सब्जी मंडी में आयुर्वेदिक व यूनानी दवाओं की एजेंसी है। टीम घर के सदस्यों से पूछताछ करने के बाद मुजफ्फरुल हक की दुकान पर पहुंच गई।
वहीं मुजफ्फरुल हक ने पूछताछ में बताया कि नात-रिश्तेदारों के जरिए पता चलने पर उन्होंने रिश्ता तय कर अपनी बेटी सादमां का निकाह जून 2019 में मुर्तजा अब्बासी के साथ किया था। विदा होकर मुंबई जाने के बाद मुर्तजा अब्बासी की मां मेरी बेटी को प्रताड़ित करने लगी। इस दौरान मुर्तजा अब्बासी दो बार जौनपुर आया था।
वहीं पता चलने पर तीन माह बाद ही मैं मुंबई से बेटी को लेकर चला आया। इसके बाद मुर्तजा अब्बासी ने मोबाइल फोन पर तलाक दे दिया। इसके बाद से मेरा व मेरे परिवार का उससे कोई वास्ता सरोकार नहीं रहा है। पूछताछ करने के बाद एटीएस की टीम संतुष्ट होकर चली गई। वहीं मुर्तजा की पत्नी रही सादमां ने बताया कि हमारे व मुर्तजा के विचार मेल नहीं खा रहे थे। इसलिए हम दोनों अलग हो गए।
वहीं मुर्तजा अब्बासी के कभी ससुर रहे मुजफ्फरुल हक का गृह गांव होने के आधार पर छानबीन के लिए एटीएस की टीम मंगलवार को रानीपुर भी पहुंची। यह बात गांव-जवार में जंगल की आग की तरह फैल गई। गांव में वर्ग विशेष के महज दो परिवार अलग-अलग घर बनाकर रहते हैं। उन्होंने पूछताछ में साफ कहा कि उनका मुर्तजा अब्बासी से कोई संबंंध नहीं है।
वहीं थाना प्रभारी निरीक्षक अश्विनी दुबे इसे सिरे से खारिज किए, किंतु सदलबल रानीपुर गांव के आसपास घूमते रहे। बाद में यह पता चलने पर कि जिस रानीपुर गांव के मुजफ्फरुल हक हैं, वह स्थानीय थाना क्षेत्र के बाहर का है। तब पुलिस ने राहत की सांस ली।
वहीं मुजफ्फरुल हक ने कहा कि गोरखनाथ मंदिर पर मुर्तजा अब्बासी के हमला करने का पता चलने पर मेरे सहित पूरा परिवार स्तब्ध हो गया। घटना बहुत ही निंदनीय और अफसोसजनक है। मुर्तजा के मानसिक स्थिति ठीक न होने के बारे में पूछने पर कहा कि हो सकता है कि घरेलू कलह से अब दिमागी हालत ठीक न हो, लेकिन जब मैंने बेटी के लिए शौहर के रूप में उसे चुना था तब वह मानसिक रूप से पूरी तरह स्वस्थ, काबिल और होनहार केमिकल इंजीनियर था।