वाराणसी। अब तक गंगा की धारा से श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के एकाकार होते दुनिया ने देखा है लेकिन वाराणसी विकास प्राधिकरण जो योजना बना रहा है उसमें पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के नाम से वरुणा नदी के किनारे दर्ज शास्त्री घाट व गंगा किनारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम को समर्पित नया बना नमो घाट एकाकार हो जाएगा। जी हां, इस परियोजना को आकार लेने में अब देरी नहीं है। जून में शिलान्यास की तैयारी हो रही है। वीडीए डीपीआर बनाने का कार्य तेज कर दिया है।
वहीं प्रोजेक्ट नया नहीं है लेकिन नई सोच से नयापन आ गया है। वरुणा कारिडोर का निर्माण तीन चरणों में कराया जाना था। पहला चरण कचहरी के शास्त्री घाट से पहले इमिलिया घाट से चौकाघाट तक था। इसके बाद दूसरा चरण चौकाघाट से पुराना पुल तक था। दोनों चरणों का कार्य पूरा हो चला है। ई-रिक्शा कारिडोर के लिए रैंप का निर्माण हो रहा है जिसकी प्रगति भी 50 फीसद से अधिक हो चली है।
वहीं जून से पहले कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा। दो चरणों के प्रोजेक्ट में कुल छह रैंप बनाए जाएंगे जिनके माध्यम से ई-रिक्शा गंगा की सहायक नदी वरुणा के किनारे से पर्यटकों लेकर गुजरेगा। ऐसे ही तीसरे फेज की परिकल्पना हुई है। पुराने पुल से गंगा-वरुणा संगम स्थल सराय मोहाना, आदिकेशव घाट से होते हुए नमो घाट तक वरुणा कारिडोर का निर्माण होगा।
वहीं पुराने पुल के आगे वरुणा किनारे जबरदस्त प्राकृतिक दृश्य का अवलोकन करने के लिए पर्यटकों को मिलेगा। एक स्थान पर वरुणा नदी का घुमाव ऐसा है कि बड़ा भू-भाग आईलैंड की तरह नजर आता है। इसके अलावा गंगा-वरुणा नदी का संगम स्थल, एतिहासिक शाही नाला का नक्काशीदार मुहाना, खिड़किया घाट पुनरुद्धार कार्य के तहत नमो घाट का आधुनिक नव्य स्वरूप आकर्षण का केंद्र होगा।
वहीं दूसरी तरफ़ ईशा दुहन, उपाध्यक्ष वीडीए ने कहा कि वरुणा कारिडोर के तीसरे फेज को लेकर तैयारी प्रारंभ हो गई है। जून तक कार्य प्रारंभ करने की मंशा से वीडीए की तकनीकी टीम जुट गई है। तीसरे फेज को आकार देना निश्चित रूप से चुनौती भरा होगा लेकिन उसकी भव्यता देखने लायक होगी।