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यूपी : भदोही सहित पूरे प्रदेश में बाल विवाह कराने पर अब पुरोहित और मौलवी भी जाएंगे जेल।

यूपी : भदोही सहित पूरे प्रदेश में बाल विवाह कराने पर अब पुरोहित और मौलवी भी जाएंगे जेल।


भदोही। अक्षय तृतीया पर होने वाले शादियों व अन्य वैवाहिक कार्यक्रमों पर प्रशासन की नजर है। इस तिथि पर शादियों की धूम रहती है इसी में नाबालिगों का सिंदूरदान हो जाता है। ऐसे में पुरोहित हो या मौलवी, मध्यस्थता कर विवाह तय कराने वाले अगुआ या फिर लग्न मुहुर्त तय होने के बाद व्यवस्था में लगने वाले अन्य लो शादी कराने, निकाह पढ़वाने जा रहे हो तो वर व वधु के उम्र की अच्छी तरह से जांच-परख कर लें।

वहीं यदि वर की 21 व वधु की उम्र 18 वर्ष से नीचे हुई तो फिर खामख्वाह अगुआ ले लेकर पिछुआ तक सभी को बाल विवाह कराने जैसे संज्ञेय अपराध के आरोप में जेल की हवा खानी पड़ सकती है। जुर्माना भरेंगे अलग से। तीन मई को पड़ रही अक्षय तृतीया के शुभ मुहुर्त लगन के मौके पर जिले में लगभग 600 शादियां होने जा रही है। 

वहीं ऐसे में एक ओर शादी की तारीख तय कर चुके परिवार जहां व्यवस्था को लेकर लोग तैयारी मे जुटे हैं, वहीं प्रशासन भी नजर रख रहा है कि कहीं बाल विवाह तो नहीं हो रहा है। 21 व 18 वर्ष से कम उम्र के वर-वधु की जानकारी लेने की कोशिश में लगा है। ताकि ऐसी शादियों को रोका जा सके। इसके साथ ही टेंट संचालकों से लेकर कैटरर्स तक को चेतावनी जारी कर दी गई है। वह जहां भी व्यवस्था में जा रहे हों यह जरूर जानकारी कर लें कि वर व वधु दोनों बालिग हैं।

वहीं बाल विवाह संपन्न कराने के लिए मां-पिता और रिश्तेदार ही दोषी नहीं माने जाएंगे, वह इस श्रेणी में हैं जो किराए पर तमाम व्यवस्था देने का काम करते हैं। यहां तक कि शादी कार्ड बनाने वाले प्रिंटिंग प्रेस संचालक से लेकर टेंट व्यवसायी, मैरिज हाल संचालक, बैंडबाजा, कैटरर्स, फोटो-वीडियो ग्राफर, पुरोहित व मौलवी तक को इसमें रखा गया है। आगाह किया गया है कि किसी भी ऐसी शादी को संपन्न कराने में अपनी भूमिका न अदा करें जिसमें वर 21 व वधु 18 वर्ष से नीचे हो। ऐसी शादियां मिलने पर इनके खिलाफ भी बाल-विवाह प्रतिषेध अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी।

वहीं बाल विवाह दंडनीय अपराध है। ऐसा मामला सामने आने पर इसे संपन्न कराने में संलिप्त व्यक्तियों के खिलाफ बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के अंतर्गत दो वर्ष का कारावास एवं एक लाख रुपये जुर्माने तक की सजा होगी।

वहीं दूसरी ओर व्यवस्था सुनिश्चित करने से पहले वर-वधु की उम्र की जानकारी कर लें। कोई ऐसा मामला दिखे जिसमें वर-वधु की उम्र निर्धारित से कम हो तो डायल 112 नंबर व महिला हेल्पलाइन 1098 पर फोन करें।

बता दें कि वहीं शत्रुघ्न कनौजिया, जिला प्रोबेशन अधिकारी ने बताया कि बाल विवाह प्रतिबंधित है व कानूनन अपराध है। इसे रोकने का शासन का सख्त फरमान है। इसलिए ऐसी व्यवस्था की जा रही है।