Headlines
Loading...
यूपी  : वाराणसी में रामनवमी पर रविवार को मुस्लिम महिलाओं ने प्रभु श्रीराम की आरती उतारी।

यूपी : वाराणसी में रामनवमी पर रविवार को मुस्लिम महिलाओं ने प्रभु श्रीराम की आरती उतारी।

                          Vinit Jaishwal City Reporter

वाराणसी। रामनवमी पर रविवार को मुस्लिम महिलाओं ने प्रभु श्रीराम की आरती उतारी। मुस्लिम महिला फाउंडेशन व विशाल भारत संस्थान के संयुक्त तत्वाधान में मुस्लिम महिलाएं दोपहर में लमही स्थित सुभाष भवन में जुटीं। प्रभु के जन्मोत्सव की बेला दोपहर में प्रभु श्रीराम व मां जानकी की महिमा बखानते स्वर गूंज उठे। 

वहीं काशी धर्म परिषद के अध्यक्ष पातालपुरी मठ के महंत बालक दास महाराज के सानिध्य में मुस्लिम महिलाओं ने आरती व स्तुति की। इस दौरान मुस्लिम महिला फाउंडेशन की राष्ट्रीय अध्यक्ष नाजनीन अंसारी लिखित ऊर्दू आरती का गायन किया गया। नाजनीन में प्रभु की महिमा बखानते ऊर्दू में लिखे गए भजन सुनाए और विश्व शांति की कामना की। पर्व विशेष पर मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान का दरबार सजाया गया था। फूलों से उर्दू में श्रीराम लिखा और फूलों के ही दीप भी सजाए गए थे।

वहीं वर्ष 2006 में संकट मोचन मंदिर में बम विस्फोट के बाद विशाल भारत संस्थान व मुस्लिम महिला फाउंडेशन की मुस्लिम महिलाओं ने नाजनीन अंसारी के नेतृत्व में वहां हनुमान चालीसा का पाठ किया था। उसके बाद से ही हर साल रामनवमी पर मुस्लिम महिलाएं भगवान श्रीराम की आरती करती आ रही हैं।

वहीं नाजनीन ने कहा कि भारतभूमि का जो हिस्सा प्रभु श्रीराम से अलग हुआ, आज वह नफरत, हिंसा और गरीबी की दुर्दशा झेल रहा है। पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान सभी हिंसा की आग में जल रहे हैं क्योंकि ये सब अपने पूर्वजों से अलग हो गए। आज की तारीख में ये देश भगवान श्रीराम की स्तुति करें और भगवान श्रीराम के रास्ते पर चलें तो फिर से शांति और समृद्धि पा सकते हैं।

वहीं रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध तभी रुकेगा, जब वहां के लोग सार्वजनिक रूप से हनुमान चालीसा का पाठ करें। दोनों देशों के राष्ट्राध्यक्षों को पत्र लिखकर यह सलाह जरूर दूंगी। सांप्रदायिक सौहार्द्र का इससे बड़ा उदाहरण क्या हो सकता है, जहां सभी धर्मों के लोग भारत की उस महान संस्कृति को एक साथ जी रहे हैं जिसकी कल्पना हर देश अपने देश को समृद्ध बनाने के लिए करता है।

वहीं मुख्य अतिथि महंत बालक दास ने कहा कि भगवान श्रीराम अखिल ब्रह्मांड के नायक हैं। कोई भी उनसे अलग नहीं। बिना राम के अखंड भारत के रहने वालों की कोई पहचान नहीं हैं। मुस्लिम महिलाओं द्वारा किया गया प्रयास इस्लामी कट्टरपंथियों के लिए एक सबक है, वो भी नफरत छोड़कर राम के मार्ग पर चलें तो नफरत का पात्र होने से बच जाएंगे।

वहीं डा. राजीव श्रीवास्तव ने कहा कि भगवान श्रीराम के साथ उनके तीनों भाइयों की पूजा और चारो माताओं की स्तुति से घर परिवार में समृद्धि आएगी और शांति बनी रहेगी। शांति और एकता के लिए रामपंथ ही एकमात्र विकल्प है। प्राणियों में सद्भावना की वकालत करता है रामपंथ।

वहीं श्रीराम महाआरती में नगीना बेगम, खुशी रमन भारतवंशी, उजाला भारतवंशी, इली भारतवंशी, डॉ० मृदुला जायसवाल, नाजमा, रुखसाना बीबी, रुखसार बेगम, जफरीन, गुंजा बेगम, मेहफात्मा, नाजिया बेगम, नगीना, तबस्सुम, शमीमा, तहमीना, सोनी बेगम, सबीना बेगम आदि थीं।