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यूपी : चंदौली ज़िले में विश्व मलेरिया दिवस पर सीएमओ ने कहा कि जन जागरूकता से ही मलेरिया रोग पर होगा नियंत्रण।

यूपी : चंदौली ज़िले में विश्व मलेरिया दिवस पर सीएमओ ने कहा कि जन जागरूकता से ही मलेरिया रोग पर होगा नियंत्रण।

                             Kiran Yadav City Reporter

चंदौली। विश्व मलेरिया दिवस के अवसर पर मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय में सोमवार को कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें मलेरिया रोग से बचाव और उपचार के बाबत विस्तार से जानकारी दी गई। इस रोग के लक्षण के बाबत लोगों को बताया गया और एहतियात बरतने की सलाह दी गई। बुखार होने पर जांच कराकर सरकारी अस्पतालों में इलाज की मुफ्त सुविधा का लाभ लेने का आह्वान किया गया।

वहीं सीएमओ डा. वाईके राय ने कहा कि जन जागरूकता से मलेरिया रोग पर नियंत्रण हो सकेगा। बताया कि मलेरिया में परजीवी संक्रमण और लाल रक्त कोशिकाओं के नष्ट होने के कारण थकान की वजह से एनीमिया, दौरा या चेतना की हानि की स्थिति बन जाती है। सेरिब्रल मलेरिया में परजीवी रक्त के जरिए मस्तिष्क तक पहुंच जाते हैं और यह शरीर के अन्य अंगों में भी पहुंच कर हानि पहुंचाते हैं। 

वहीं गर्भावस्था में मलेरिया का होना गर्भवती के साथ-साथ भ्रूण और नवजात के लिए भी खतरा है। यह बीमारी मादा मच्छर एनोफीलिज के काटने के कारण होती है। यह रोग स्वस्थ व्यक्ति में 10 से 14 दिन बाद विकसित होता है। जिला मलेरिया अधिकारी जेपी सोनकर ने बताया कि मलेरिया के मच्छर सामान्य तौर पर शाम और सुबह के बीच काटते हैं। 

वहीं स्वस्थ व्यक्ति को मलेरिया का संक्रमित मच्छर काटता है तो वह स्वयं तो संक्रमित होगा ही, दूसरों को भी संक्रमित कर सकता है। मच्छर के काटने के बाद इसका परजीवी लीवर के जरिए लाल रक्त कोशिकाओं तक पहुंचता है। इसका संक्रमण पूरे शरीर में फैलने लगता है। इस दौरान एसीएमओ डा. आरबी शरण, डा. एनके प्रसाद, डा. एसके विश्वास, डा नीलम ओझा, एडीएमओ राजीव सिंह, वरिष्ठ मलेरिया निरीक्षक अनिल कुमार दुबे, मलेरिया निरीक्षक दीप्ति शर्मा आदि मौजूद रहीं।