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यूपी : वाराणसी में रोजगार से निकली जल संरक्षण की राह, वहीं अब हो रही नियमित आय।

यूपी : वाराणसी में रोजगार से निकली जल संरक्षण की राह, वहीं अब हो रही नियमित आय।

                         Vinit Jaishwal City Reporter

वाराणसी। श्रमिकों को रोजगार देने के लिए महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के तहत काम दिया जाता है। इस बार जनपद में सामुदायिक कार्यों के साथ ही व्यक्तिगत कार्यों पर जोर दिया गया। परिणामस्वरूप जिले में 332 तालाब बना दिए गए।

वहीं साथ ही कई ऐसे कार्य हुए जिससे जल संरक्षण की भी राह निकली। इससे रोजगार तो मिला ही अब लगातार आय का साधन भी बना हुआ है। लोगों को अधिक से अधिक रोजगार देने के लिए बीते वित्तीय वर्ष में मनरेगा के जल शक्ति अभियान के तहत कार्यों पर जोर दिया गया।

वहीं इसमें वर्षा जल संचयन से लेकर खेत तालाब बनाने पर जोर दिया गया। इसमें 198 लोगों के खेतों में तालाब खोदे गए। 134 सामुदायिक तालाब बने। साथ ही वर्षा जल संचय, सोक पिट, ट्रेंच (बाहा), शासकीय भवनों पर वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम आदि का काम किया गया है।

वहीं मनरेगा से लोगों को घर के पास ही रोजगार मिला। साथ ही खेत तालाब से लगातार आय का साधन मिल गया है। कुछ श्रमिक तो लाखों में कमा रहे हैं। विकास खंड सेवापुरी के ग्राम बेहसूूपुर निवासी भुवाल मौर्य ने बताया कि पिछले वर्ष उन्हें मनरेगा के जलशक्ति मिशन योजना की जानकारी हुई तो अपने खेत में तालाब के लिए आवेदन किया। 

वहीं सरकार ने तालाब खोदने का पूरा खर्च वहन किया। इसके बाद तालाब में मछली पालन शुरू किया। एक वर्ष में ही डेढ़ लाख रुपये की आय हो चुकी है। योजना का अधिक से अधिक लोगों को लाभ लेना चाहिए। बताया कि उनके तालाब को देखने के लिए नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत स्वयं आए और सराहा था।