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यूपी : कानपुर में आरटीई किसी को बंद हो चुका स्कूल मिला तो किसी को दूरी की शिकायत, वहीं खामियों के चलते बीएसए कार्यालय के चक्कर काट रहे अभिभावक।
कानपुर। शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत निजी स्कूलों में दाखिले के लिए पहले चरण की प्रक्रिया में ही गड़बड़ी सामने आने लगी है। आवेदकों को दो साल से बंद स्कूल आवंटित कर दिए गए। अभिभावक बच्चे को लेकर दाखिला कराने पहुंचे तो स्कूल बंद मिला। अब अभिभावक स्कूल बदले जाने की लिखित मांग लेकर बीएसए कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं।
वहीं मछरिया निवासी दिव्यांग फैजी खान ने बताया कि बेटे फाजिल का दाखिला आरटीई के तहत कक्षा एक में कराने के लिए आवेदन किया था। प्रक्रिया के तहत बेटे को इंडियन एजुकेशन सेंटर आवंटित हुआ। दाखिला कराने स्कूल पहुंचे तो पता चला कि वह दो साल पहले बंद हो चुका है।
वहीं अब उन्होंने बीएसए से आवास विकास हंसपुरम में लाफिंग बुद्धा स्कूल आवंटित करने की मांग की है। बेनाझाबर निवासी महिला ने बताया कि उनके बेटे को दो किमी से अधिक दूरी पर स्कूल आवंटित कर दिया गया। उन्होंने घर के पास संचालित स्कूल में आवंटन की मांग रखी है।
वहीं आरटीई के दाखिले शुरू होने से पहले बीएसए डा. पवन तिवारी ने ब्लाकवार स्कूलों का सत्यापन कराया था। बीईओ ने 300 से ज्यादा स्कूल बंद होने की रिपोर्ट दी थी। पोर्टल पर स्कूलों की सत्यापन रिपोर्ट अपडेट न किए जाने का अंदेशा है।
वहीं आरटीई पोर्टल के जरिए आवेदकों को स्कूल आवंटन आनलाइन किया जाता है। एक बार स्कूल आवंटन के बाद फेरबदल संभव नहीं है। द्वितीय चरण के लिए रिक्त सीटों पर आनलाइन आवेदन लिए जा रहे हैं। 23 अप्रैल तक आवेदन स्वीकार किए जाएंगे। लाटरी प्रक्रिया के जरिए ही स्कूल आवंटन होगा।