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यूपी : वाराणसी में स्थापित होगा सिल्क प्रसंस्करण इकाई, रेशम का धागा बुनकरों को मिलना होगा आसान।

यूपी : वाराणसी में स्थापित होगा सिल्क प्रसंस्करण इकाई, रेशम का धागा बुनकरों को मिलना होगा आसान।

                           Vinit Jaishwal City Reporter

वाराणसी। खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग (केवीआइसी) अपनी एक ऐतिहासिक पहल के तहत सेवापुरी में सिल्क प्रोसेसिंग प्लांट स्थापित करने की तैयारी में जुट गया है। इससे रेशम के धागे की उत्पादन लागत को काफी कम करने के साथ बनारसी साडि़यों के लिए स्थानीय स्तर पर कच्चे माल की उपलब्धता एवं बिक्री बढ़ाने में मदद मिलेगी। 

वहीं जानकारी के मुताबिक यह संयंत्र एक खादी संस्थान द्वारा किया जाएगा जिसकी कुल लागत 75 से 80 लाख रुपये आने की संभावना है। इसमें केवीआईसी भी योगदान करेगा। इस यूनिट में 100 से अधिक स्थानीय महिलाओं को रोजगार मुहैया होगा। बता दें कि केवीआइसी ने गुजरात के सुरेंद्रनगर में प्रथम सिल्क प्रोसेसिंग प्लांट स्थापित किया था।

वही बनारसी साड़ी पूरी दुनिया में पहचानी जाती है। इसके कच्चे माल रेशम के धागे कर्नाटक और पश्चिम बंगाल से खरीदे जाते हैं। इसी वजह से फैब्रिक की लागत कई गुना बढ़ जाती है। केवीवाइसी स्थानीय स्तर पर तैयार होने वाले कोकून के अतिरिक्त कर्नाटक एवं पश्चिम बंगाल से मंगाने की तैयारी में है। रेशम के धागे की प्रोसेसिंग स्थानीय स्तर पर की जाएगी, जिससे उत्पादन लागत घट जाएगी और इसके साथ ही प्रसिद्ध बनारसी साड़ि‍यों की बिक्री को काफी बढ़ावा मिलेगा। इसके अलावा यहां के बुनकरों को कम कीमत में ही यह धागे उपलब्‍ध हो सकेंगे। 

वहीं बनारसी साड़ी निर्माण को लेकर संत कबीर अवार्ड से सम्मानित राम लाल मौर्य और राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त मोहम्मद सलीम बताते हैं कि रेशम के धागे की वर्तमान की कीमत प्रति किलोग्राम 6600 रुपये है। ऐसी यूनिट के स्थापित होने से धागे की कीमत घटती है तो बुनकरों के लिए काफी उत्साहजनक स्थिति होगी।

वहीं डीएस भाटी, निदेशक, खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग ने बताया कि बनारस के सेवापुरी में सिल्क प्रोसेसिंग यूनिट की स्थापना की जाएगी। इससे धागे आसानी से और सस्ते दाम पर उपलब्ध हो सकेंगे। बनारसी साड़ी से जुड़े लोगों को काफी फायदा होगा।