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यूपी : वाराणसी बीएचयू में बच्चों के आपरेशन के लिए छह माह की डेट फिक्स हुआ।
वाराणसी। कोरोना काल में तमाम अस्पताल बंद हो गए थे। इमरजेंसी को छोड़कर अन्य सेवाएं बाधित हुई। इसमें इलेक्टिव ओटी भी शामिल है। वैसे अब स्थिति लगभग पूरी तरह सामान्य हो गई है। इसके साथ ही अब सभी अस्पतालों में ओपीडी व इलेक्टिव सेवा भी सामान्य हो गई है। हांलाकि बच्चों के आपरेशन के लिए अभी भी छह माह तक की डेट देनी पड़ रही है। चिकित्सा विज्ञान संस्थान, बीएचयू में ही 6 से 8 माह तक की पेंडेंसी हो गई है।
वहीं यह जानकारी पीजीआइ चंडीगढ़ स्थित बाल शल्य रोग विभाग के प्रोफेसर डा. रवि प्रकाश कन्नौजिया ने गुरुवार को बीएचयू के मालवीय अनुशीलन केंद्र में आयोजित पेसीकान के आयोजन से इतर बातचीत में दी। उन्होंने बताया कि कोरोना काल में आपरेशन अवरुद्ध होने के कारण आपरेशन करने योग्य बच्चों की संख्या अब अब चार गुना अधिक हो गई है।
वहीं यही कारण है कि लंबी डेट देनी पड़ रही है। हालांकि इस दौरान सभी बच्चों का ग्रुप बनाया गया है। जिसे जल्द आपरेशन की जरूरत है उनको प्राथमिकता दी जा रही है। डा. कन्नौजिया ने बताया कि दो साल इलेक्टिव ओटी बाधित होने के कारण पीजीआइ चंडीगढ़ में भी 8 से 9 माह तक की लंबी कतार लगी है। वहीं बाल शल्य विभाग बीएचयू के डा. वैभव पांडेय ने बताया कि यहां पर 6 से 8 माह तक की कतार लगी है। हालांकि इमरजेंसी वाले मरीजों का तत्काल आपरेशन किया जा रहा है।
वहीं पीजीआइ चंडीगढ़ स्थित बाल शल्य रोग विभाग के प्रोफेसर डा. रवि प्रकाश कन्नौजिया ने गुरुवार को बीएचयू के मालवीय अनुशीलन केंद्र में आयोजित पेसीकान के आयोजन से इतर बातचीत में और जानकारियां भी दीं।