वाराणसी। शहर में फुटपाथ की तलाश कैंट रोडवेज से लेकर इंग्लिशिया लाइन तक की गई। बीच में रेलवे का वाराणसी जंक्शन पड़ता है। यह इलाका ऐसा है जहां पर 24 घंटे लोगों का दबाव रहता है। सर्वाधिक पैदल चलने वालों की संख्या होती है क्योंकि गैर जिलों व प्रांतों से आने वाले लोग रेलवे स्टेशन व रोडवेज पर उतरते हैं।
वहीं गंतव्य तक जाने के लिए पैदल ही निकल पड़ते हैं। हाथ व पीठ पर सामानों से भरा बैग होता है। फुटपाथ के नाम पर सड़क का किनारा रहता है लेकिन वहां वाहनों की कतार लगने से सड़क के मध्य से होकर गुजरना पड़ता है। खास यह कि हर जगह नो-पार्किंग का बोर्ड भी लगा है लेकिन इसका पालन कराने के लिए न तो पुलिस कर्मी और न ही ट्रैफिक विभाग नजर आता है।
वहीं यह इलाका स्मार्ट सिटी कंपनी की ओर से विकसित किया जा रहा है। नाइट बाजार बनाया जा रहा है लेकिन इन कवायद के बीच फुटपाथ जैसी सुविधा की अनदेखी की जा रही है जो पैदल चलने वालों के लिए सुरक्षित माना जाता है। यह उनका अधिकार भी है लेकिन रक्षा करने के लिए कोई भी विभाग आगे नहीं आ रहा।
वहीं नगर निगम का प्रवर्तन दल कार्यवाही करता है तो उनके जाने के बाद फिर से फुटपाथ पर कब्जा हो जाता है। ऐसा ही मंगलवार को हुआ। प्रवर्तन दल ने कार्यवाही की जिसके बाद फिर से पटरियों पर कब्जा हो गया। वहीं सड़क किनारे फुटपाथ खाली कराने के लिए नगर निगम, परिवहन व ट्रैफिक पुलिस ने मंगलवार को संयुक्त रूप से अभियान चलाया।
वहीं अभियान फुटपाथ हमारा है को संज्ञान में लेते हुए शहर के विभिन्न इलाकों में कार्यवाही की गई। इस दौरान 30 वाहनों को सीज करने के साथ 50 का चालान किया गया। अंधरापुल के नीचे से अवैध रूप से रहने वालों को हटवा कर फुटपाथ खाली कराया गया। एडीसीपी (ट्रैफिक) दिनेश कुमार पुरी, एसीपी (ट्रैफिक) अमित कुमार पांडेय और यात्रीकर अधिकारी कौशलेंद्र यादव ने नगर निगम के साथ कैंट रेलवे स्टेशन के पुल के नीचे से तमाम वेंडरों को हटवा कर मार्ग खाली करवाया।
वहीं प्रभारी प्रवर्तन दल कर्नल राघवेन्द्र नाथ मौर्य की उपस्थिति में चौका घाट स्थित वेंडिंग जोन को व्यवस्थित कर गाजीपुर बस स्टैंड के पास जितनी भी गाडिय़ां व ट्रक खड़े थे, सभी का चालान किया गया। बेनियाबाग से गिरिजाघर चौराहा होते हुए लक्सा और वापस गिरिजाघर, गोदौलिया से दशाश्वमेध घाट तक सड़क और पटरी से अतिक्रमण हटवाया गया।