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यूपी : वाराणसी बीएचयू में दीक्षा समारोह नहीं होने के खिलाफ छात्रों ने छेड़ी मुहिम।

यूपी : वाराणसी बीएचयू में दीक्षा समारोह नहीं होने के खिलाफ छात्रों ने छेड़ी मुहिम।

                         Vinit Jaishwal City Reporter

वाराणसी। एशिया के सबसे बड़े आवासीय विश्वविद्यालय बीएचयू में दो वर्ष बाद भी दीक्षांत समारोह नहीं होने के खिलाफ छात्रों ने इंटरनेट मीडिया पर मुहिम छेड़ दी है। छात्रों का आरोप है कि कोरोना का हवाला देते हुए दो वर्ष से दीक्षांत समारोह का आयोजन रोक दिया गया है। दीक्षांत समारोह विश्वविद्यालय के सबसे प्रमुख त्योहारों में से एक है। विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले सभी विद्यार्थी इस पावन अवसर का वर्षों से इंतजार करते हैं। 

वहीं इसके बावजूद इसे रोकना कई तरह के सवाल खड़े कर रहा है। इसे लेकर कुलपति को भी छात्रों ने लिखा है। कहा कि जब विश्वविद्यालय में तमाम आयोजन हो रहे हैं तो दीक्षांत समारोह क्यों नहीं हो सकता है। छात्रों का कहना है कि देशभर के दर्जनों विश्वविद्यालय में दीक्षांत समारोह का आयोजन हो चुके हैं व कई ऐसे विश्वविद्यालय हैं जहां समारोह के आयोजन की तैयारियां चल रहीं हैं। 

वहीं बावजूद इसके बीएचयू जैसे संस्थान में अधिकारियों की मनमानी पर प्रशासन मौन क्यों है। छात्रों ने चेताया है कि अगर प्रशासन जल्द से जल्द दीक्षांत समारोह आयोजित नहीं करता है तो वे आंदोलन के लिए बाध्य हो जाएंगे। वहीं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संवाद कार्यक्रम 'परीक्षा पे चर्चा' में बीएचयू, उससे संबद्ध विद्यालयों और परिसर स्थित केन्द्रीय विद्यालय के छात्र-छात्राएं आनलाइन लिक के माध्यम से शामिल हुए। 

वहीं मुख्य आयोजन स्वतंत्रता भवन के सेनेट हाल में किया गया था। यहां कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन विश्वविद्यालय परिवार के सदस्यों व बड़ी संख्या में छात्रों के साथ मौजूद रहे। कुलसचिव प्रो. अरुण कुमार सिंह, वित्ताधिकारी अभय कुमार ठाकुर, छात्र अधिष्टाता प्रो. केके सिंह, परीक्षा नियंता प्रो. एसके उपाध्याय समेत विभिन्न संस्थानों के निदेशक तथा संकाय प्रमुख भी रहे। 

वहीं विश्वविद्यालय के विभिन्न संस्थानों, संकायों तथा विभागों में भी कार्यक्रम को देखने का इंतजाम किया गया था। कमच्छा स्थित सेंट्रल हिदू ग‌र्ल्स स्कूल तथा सेंट्रल हिदू ब्वायज स्कूल के साथ ही मिर्जापुर के बरकछा स्थित विश्वविद्यालय के दक्षिणी परिसर में भी छात्र-छात्राओं, शिक्षक व कर्मचारियों ने प्रधानमंत्री की बातों को सुना।