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यूपी : वाराणसी काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में रोजा इफ्तार के आयोजन पर बढ़ी गहमागहमी, वहीं सुरक्षा बलों को अलर्ट किया गया।
वाराणसी। रोजा इफ्तार की पार्टी का आयोजन बीएचयू में करने पर बुधवार की शाम को खूब हंगामा हुआ। छात्रों के एक गुट ने विरोध प्रदर्शन करते हुए कुलपति द्वारा आयोजन में शामिल होने को अनुचित ठहराया और बीएचयू में इफ्तार का विरोध किया। इस दौरान छात्रों ने जमकर नारेबाजी की और विरोध प्रदर्शन के बीच पुतला दहन भी किया।
वहीं सुरक्षा कारणों से इस दौरान सुरक्षाकर्मी भी सक्रिय नजर आए। वहीं दूसरी ओर बीएचयू में छात्र संगठनों की ओर से गुरुवार को भी विरोध प्रदर्शन को लेकर आपस में मंथन का दौर चलता रहा। सुरक्षा कारणों से गुरुवार को परिसर में विरोध प्रदर्शन की संभावनाओं के बीच सुरक्षा बलों को अलर्ट किया गया है।
वहीं काशी हिंदू विश्वविद्यालय के महिला महाविद्यालय में बुधवार की शाम रोजा इफ्तार का आयोजन हुआ। इसमें कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन के साथ महाविद्यालय के रोजादार शिक्षक, शिक्षिकाओं व छात्राओं ने अपना रोजा खोला।
वहीं दूसरी तरफ़ डा. मो. अफजल हुसैन ने रोजा और पाक रमजान महीने की फजीलत बताई। कहा कि रमजान का महीना खुद को शुद्ध बनाने का मौका है। इस मौके पर कुलपति प्रो. जैन ने छात्राओं से समस्याओं के बारे में जानकारी ली। कहा कि महिला महाविद्यालय के विकास व छात्राओं के लिए सुविधाएं बढ़ाने पर उनका खास ध्यान है।
वहीं उन्होंने छात्रावासों की संरक्षिकाओं से कहा कि वे आवश्यकताओं के बारे में जरूरी होमवर्क कर उन्हें अवगत कराएं। यह भी सुनिश्चित करें कि इसमें छात्राओं की सक्रिय व पूर्ण भागीदारी रहे। छात्राओं ने कुलपति के साथ सेल्फी भी क्लिक की। छात्रावास समन्वयिका प्रो. नीलम अत्री ने अतिथियों का स्वागत किया।
वहीं कार्यवाहक प्रधानाचार्या प्रो. रीता सिंह, रेक्टर प्रो. वीके शुक्ला, कुलसचिव प्रो. अरुण कुमार सिंह, छात्र अधिष्ठाता प्रो. केके सिंह और मुख्य आरक्षाधिकारी प्रो. भुवन चन्द्र कापड़ी आदि शामिल थे। कुलपति ने महाविद्यालय प्रांगण में दो पौधों का रोपण भी किया।
वहीं महिला महाविद्यालय में रोजा इफ्तार पार्टी का कतिपय छात्रों ने विरोध किया। कुलपति आवास के सामने पहुंचकर विरोधी नारे लगाए और कुलपति का पुतला फूंका। छात्रों का कहना था कि बीएचयू परिसर में रोजा इफ्तार पार्टी नहीं चलने दी जाएगी। हालांकि जानकारों का कहना है कि यह पार्टी यहां परंपरागत रूप से होती आई है। दो वर्ष कोविड के कारण बंद रही।