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यूपी : वाराणसी के एलटी कालेज परिसर में केंद्रीयकृत रसोई बनाने का काम अंतिम चरण में, वहीं जुलाई से मिलने लगेगा मध्याह्न भोजन।

यूपी : वाराणसी के एलटी कालेज परिसर में केंद्रीयकृत रसोई बनाने का काम अंतिम चरण में, वहीं जुलाई से मिलने लगेगा मध्याह्न भोजन।

                          Vinit Jaishwal City Reporter

वाराणसी। परिषदीय विद्यालयों में मध्याह्न भोजन को समय-समय पर सवाल उठते रहे हैं। कभी मीनू के अनुसार खाना न बनने, तो कभी दाल व सब्जी खराब होने का दाग लगता रहता है। इसके स्थायी समाधान के लिए अर्दली बाजार स्थित एलटी कालेज परिसर में केंद्रीयकृत रसोई बनाने का काम अब अंतिम चरण में पहुंच गया है। अक्षय पात्र फाउंडेशन ने केंद्रीयकृत रसोई की शुरूआत जुलाई से करने का लक्ष्य रखा है। ऐसे में परिषदीय विद्यालयों के बच्चों को जल्द मशीनीकृत आधुनिक रसोई से शुद्ध व पौष्टिक गर्मा-गर्म मध्याह्न भोजन (एमडीएम) मिलेगा।

वहीं अक्षय पात्र फाउंडेशन ने करीब 50 करोड़ की लागत से अर्दली बाजार स्थित एलटी कालेज में केंद्रीयकृत रसोई बनाने का कार्य अगस्त 2018 से ही जारी है। तीन एकड़ भूमि में बन रहे केंद्रीयकृत किचेन क्षमता एक बार में एक लाख बच्चों के लिए भोजन बनाने की है। अब केंद्रीयकृत रसोई का निर्माण एक माह में पूरा कर लेने का लक्ष्य रखा गया था ताकि जुलाई से विद्यालयों में मध्याह्न भोजन पहुंचाया जा सके।

वहीं फाउंडेशन के एजीएम (आपरेशन) दिनेश कुमार शर्मा ने बताया कि आधुनिक रसोईघर के लिए पूरी तरह से आटोमेटिक उपकरण से खाना बनाया जाएगा। खाने की गुणवत्ता के साथ-साथ स्वच्छता पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा। कहा कि उपकरण आने का क्रम शुरू हो गया है। इस क्रम में दाल, चावल व सब्जी बनाने के लिए कोलड्रम, सब्जी छिलले, काटने की मशीन व सब्जी धोने के लिए वेजिटेबल वाशिंग मशीन, रोटी बनाने की मशीन, वर्तन सहित अन्य उपकरण आ चुके हैं। उन्होंने बताया कि मशीन की क्षमता एक घंटे में एक लाख रोटी बनाने में की है।

वहीं फाउंडेशन के एजीएम ने बताया कि विद्यालयों तक खाना पहुंचाने के लिए इंसुलेटर बर्तन भी मंगाए जाएंगे। इस वर्तन में दस घंटे तक गर्म खाना रहेगा। इसके अलावा वाहन इंसुलेटर होगा। भोजन पहुंचाने के लिए चार इंसुलेटेट वैन भी आ चुका है। इस वैन से अस्पतालों में खाना भेजा जा रहा है। हालांकि 150 वैन मंगवाने की योजना है।

वहीं फाउंडेशन के एजीएम ने बताया कि जुलाई में 25000 बच्चों से केंद्रीयकृत रसोई की शुरूआत की जाएगी। छह माह बाद रसोईघर की क्षमता बढ़ाकर एक लाख करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके एक साल बाद रसोईघर की क्षमता दो लाख बच्चों का भोजन बनाने का किया जाएगा ताकि जनपद के परिषदीय विद्यालयों में सभी पंजीकृत बच्चों को मध्याह्न भोजन पहुंचाया जा सके।