मऊ। वाराणसी भटनी रेल मार्ग पर ट्रेनों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। मऊ जंक्शन पर वाशिग पिट की स्थापना के बाद ट्रेनों और जीरो-बी रेलवे क्रासिग के बंद होने की आवृत्ति औसतन प्रतिदिन में 70 से अधिक हो चली है। जीरो-बी रेलवे क्रासिग का बंद होना शहर की यातायात व्यवस्था के लिए ऐसा जहर है।
वहीं जिसे खाना हर शहरवासी की मजबूरी बन गई है। जीरोबी क्रासिग पर ओवरब्रिज निर्माण की मंजूरी दिए उत्तर प्रदेश सरकार को लगभग दो वर्ष का समय बीत चुका है, लेकिन निर्माण से जुड़ी फाइलें अभी सरकारी कार्यालयों में ही धूल फांक रही हैं।
वहीं शहरवासियों के धरना-प्रदर्शन एवं ज्ञापन-पत्रक देने के बाद भी जब सरकारों ने समस्या के समाधान में दिलचस्पी नहीं लिया तो शहरोज गांव निवासी समाजसेवी देवप्रकाश राय ने लाखों लोगों को प्रतिदिन होने वाली परेशानी का हवाला देकर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर दी। इसी याचिका पर हाईकोर्ट के निर्देश पर जिला और रेलवे प्रशासन हरकत में आया और कई चक्र के सर्वे के बाद आखिरकार संयुक्त रूप से ओवरब्रिज निर्माण का प्रस्ताव तैयार किया गया।
वहीं इस प्रस्ताव को अप्रैल-2020 में लाकडाउन के दौरान ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंजूरी देकर शहर के तीन लाख और जिले के 23 लाख लोगों को खुशियों से भर दिया। उत्तर प्रदेश सेतु निगम को आगणन तैयार कर प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया था, जिसे छह माह पहले ही तैयार कर लखनऊ भेज दिया गया है।
वहीं ओबी निर्माण में लगभग 110 करोड़ रुपये की लागत का आकलन किया गया है। लागत का 50 प्रतिशत रेलवे और 50 प्रतिशत प्रदेश सरकार को वहन करना है। बाल निकेतन रेलवे क्रासिग पर ओवरब्रिज निर्माण की सभी औपचारिकताएं लगभग पूरी की जा चुकी हैं। सेतु निगम और पीडब्ल्यूडी के मुख्यालय से जांच के बाद निर्माण की फाइल शासन के विचारार्थ भेजी गई है। शासन से स्वीकृति के साथ फाइल आते ही निर्माण की तैयारियां शुरू कर दी जाएंगी।