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नई दिल्ली : देश में फिर एक बार बढ़ रहा कोरोना संक्रमण, वहीं राजधानी में सामने आए 1,520 नए केस, वहीं कर्नाटक ने जापान और थाईलैंड से आने वालों की निगरानी के दिए निर्देश।

नई दिल्ली : देश में फिर एक बार बढ़ रहा कोरोना संक्रमण, वहीं राजधानी में सामने आए 1,520 नए केस, वहीं कर्नाटक ने जापान और थाईलैंड से आने वालों की निगरानी के दिए निर्देश।

                           Sumit Malviya City Reporter

नई दिल्ली। देश में कोरोना संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के नवीनतम आंकड़ों के मुताबकि बीते 24 घंटे में 3,688 नए केस मिले हैं और 50 मौतें दर्ज की गई हैं, जिनमें 45 मौतें अकेले केरल से हैं। केरल में पहले हुई मौतों को नए आंकड़ों के साथ जारी किया जा रहा है। सक्रिय मामले 883 बढ़े हैं और इनकी संख्या 18,684 हो गई है जो कुल मामलों का 0.04 प्रतिशत है। दैनिक संक्रमण दर 0.74 प्रतिशत और साप्ताहिक संक्रमण दर 0.66 प्रतिशत है।

वहीं दिल्‍ली में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 1,520 नए मामले दर्ज किए गए जबकि एक व्‍यक्ति की संक्रमण से मौत हो गई। वहीं 1,412 लोग संक्रमण से ठीक हुए। राष्‍ट्रीय राजधानी में सक्रिय मामले बढ़कर 5,716 हो गए हैं जबकि पाजिटिविटी रेट 5.10 फीसद पर पहुंच गई है।

वहीं कर्नाटक सरकार ने कोविड-19 संक्रमण की ताजा चिंताओं के बीच अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे जापान और थाईलैंड से आने वालों के लिए निगरानी उपाय करें। वहीं मिडिया रिपोर्ट के मुताबिक राज्‍य सरकार ने अधिकारियों से कहा है कि हवाईअड्डा प्रयोगशाला में जापान और थाईलैंड से आने वालों सिम्‍टोमैटिक मरीजों की आरटी-पीसीआर जांच समेत सभी निगरानी उपाय शुरू किए जाएं।

वहीं कोविन पोर्टल के आंकड़ों के मुताबिक अब तक कोरोना रोधी वैक्सीन की कुल 189.01 करोड़ डोज लगा दी गई हैं। इनमें 100.34 करोड़ पहली, 85.98 करोड़ दूसरी और 2.68 करोड़ सतर्कता डोज शामिल हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के पास अभी 19.43 करोड़ डोज बची हैं, जिनका टीकाकरण में इस्तेमाल किया जाना है।

वहीं कोरोना वायरस के खिलाफ रूसी वैक्सीन स्पुतनिक वी लगवाने वालों के लिए बड़ी राहत की खबर है। टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (एनटागी) की समिति ने ऐसे लोगों को सतर्कता डोज के तौर पर स्पुतनिक वी की पहली डोज लगाने की सिफारिश की है। अब सरकार को फैसला करना है। अभी कोविशील्ड और कोवैक्सीन सतर्कता डोज के तौर पर लगाई जा रही है।

वहीं भारत के दवा महानियंत्रक (डीसीजीआइ) के विषय विशेषज्ञ समिति (एसईसी) ने सात से 12 वर्ष आयुवर्ग के बच्चों के लिए कोवोवैक्स को मंजूरी देने को लेकर सीरम इंस्टीट्यूट आफ इंडिया (एसआइआइ) से और आंकड़ों की मांग की है। सरकार दूसरी डोज और सतर्कता डोज के बीच अंतराल को घटाकर नौ से छह महीना भी नहीं करेगी। सूत्रों ने बताया कि शुक्रवार को हुई एसईसी की बैठक में सीरम के आवेदन पर विचार किया गया और उसके बाद कंपनी से कुछ जानकारियां मांगी गईं।