वाराणसी। भीषण गर्मी के बीच एक सुखद खबर मौसम विभाग की ओर से जारी की गई है कि अब हीट वेव का अधिक असर उत्तर भारत में नहीं होगा। लेकिन, गर्मियों का असर पूर्व की भांति ही बरकरार रहेगा। जबकि मौसम विभाग (आइएमडी) की ओर से इस बार मानसून सामान्य रहने की उम्मीद जताई गई है।
वहीं मई माह की शुरुआत के साथ ही बादलों की आवाजाही का रुख यह साबित करता है कि प्री मानसूनी सक्रियता का दौर चल रहा है। ऐसे में आने वाले दिनों में मानसूनी सक्रियता का असर देश में नजर आने लगेगा। अंडमान निकोबार द्वीप समूह तक मानसूनी सक्रियता का दौर इसी माह से शुरू हो जाएगा।
वहीं मानसूनी सक्रियता बीते वर्ष 13 जून को ही पूर्वांचल में हो गई थी। 12 जून को मानसून की अक्षीय रेखा झारखंड और बिहार में सक्रिय थी लेकिन 24 घंटों के अंतराल में ही मानसूनी रेखाएं सोनभद्र के जरिए उत्तर प्रदेश में दाखिल हुईं और वाराणसी से होती हुए यह रेखाएं लखनऊ तक जा पहुंची थीं। इस लिहाज से बीते वर्ष मानसून अपने तय समय से लगभग सप्ताह भर पूर्व आ गया था।
वहीं इस बार मानसूनी सक्रियता का रुख बंगाल की खाड़ी में बन रही परिस्थतियों पर निर्भर करेगा। इस समय बंगाल की खाड़ी और हिंद महासागर में बादलों की सक्रियता इस बात का सुबूत है कि समुद्र में प्री मानसूनी हालात बनने लगे हैं।
वहीं प्रत्येक वर्ष 21 मई को अंडमान निकोबार द्वीप समूह में मानसूनी सक्रियता का दौर शुरू हो जाता है। जबकि केरल और तमिलनाडु के समुद्र तटीय इलाकों में यह एक जून को दस्तक दे देता है। इसके बाद महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश से होते हुए झारखंड से यह उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में सबसे पहले दाखिल होता है। इसके बाद यूपी में मानसूनी सक्रियता का दौर शुरू हो जाता है।
वहीं जबकि वाराणसी में 20 जून तक मानसून दस्तक दे देता है। इस लिहाज से माना जा रहा है कि बीते वर्ष के परिणाम के अनुरूप मानसून का रुख रहा तो 13 से 20 जून तक मानसून वाराणसी में सक्रिय हो जाएगा।