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दिल्ली के तीन नगर निगम का 22 मई को होगा विलय , पावर लेस हो जाएंगे पार्षद
नई दिल्ली । दिल्ली की तीनों नगर निगमों का विलय ( ईस्ट, साउथ और नॉर्थ) 22 मई से प्रभावी हो जाएगा. इसी के साथ ही सभी 272 निगम पार्षद प्रभावहीन हो जाएंगे. उनकी जगह निगम अधिकारी जिम्मेदारी संभालेंगे।
इस संबंध में गृह मंत्रालय ने बुधवार को अधिसूचना भी जारी कर दी है. दिल्ली नगर निगम (संशोधन) विधेयक, 2022' को संसद ने अप्रैल महीने में मंजूरी दी थी. इसके बाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 18 अप्रैल को इसे अपनी मंजूरी दी थी.
अधिसूचना के मुताबिक अब सभी निगम अधिकारी सीधे अपने जोन उपायुक्त के दिशा निर्देश में काम करेंगे. उनके प्रशासनिक काम में किसी पूर्व पार्षद को दखल देने का कोई अधिकार नहीं होगा. कोई भी अधिकारी को दिशा निर्देश जारी नहीं कर सकेगा.
इसके अलावा जोन स्तर पर होने वाली वार्ड समिति की बैठक नहीं होगी. पूर्व पार्षदों को प्रशासनिक स्तर पर अधिकारियों के साथ वॉर्ड क्षेत्र में लेकर घूमने का भी कोई अधिकार नहीं रहेगा.
2017 में हुए एमसीडी चुनाव के बाद 18 मई को सभी निर्वाचित प्रत्याशियों ने 5 साल के लिए सदन में शपथ ली थी. उनका यह कार्यकाल 18 मई 2022 को समाप्त हो गया है.।
वहीं निगमकर्मियों में यह भ्रम की स्थिति में है कि निगम का सर्वे सर्वा और कमिश्नर कौन होगा? निगमकर्मियों को लगता है कि आने वाले दिनों में नए एलजी के साथ ही दिल्ली के निगम को प्रशासनिक अधिकारी मिल जाएगा. आपको बता दें कि एक आदेश के तहत स्पेशल ऑफिसर का नाम और उसकी जिम्मेदारी संभालने की तारीख भी गृह मंत्रालय जारी करेगा. फिलहाल संभावना यह जताई जा रही है कि गृह मंत्रालय 22 मई से पहले स्पेशल ऑफिसर के नाम की घोषणा कर देगा.