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आखिर क्यों बीमार पिता को पीठ पर लादकर 30 किमी. दूर पैदल निकल पड़ा बेटा ? स्वास्थ्य सेवाओं की खुली पोल
गोंडा. जिले के स्वास्थ्य महकमे से एक शर्मनाक तस्वीर सामने आई है. यहीं नहीं स्वास्थ्य सेवाओं की भी पोल खुलती यह घटना जिसमें एक मजबूर बेटे ने अपने पिता को पीठ पर लादकर 30 किलोमीटर दूर अपने घर ले जाने के लिए निकल पड़ा.
वह करीब 2 किलोमीटर पहुंचा तो कुछ लोगों ने उस पर तरस खाकर उसकी मदद भी की. जिसने भी इस तस्वीर को देखा उसकी आंखें गीली हो गईं. ये मामला कर्नलगंज तहसील के हलधरमऊ ब्लॉक का है जहां के रहने वाले शिव भगवान ने अपने 72 साल के पिता जिवबोध को गोंडा के जिला अस्पताल में भर्ती कराया था. उन्हें सांस लेने में दिक्कत थी और यहीं से उनके उत्पीड़न का दौर शुरू हो गया.
शिव भगवान ने आरोप लगाया कि वार्ड में तैनात नर्स ने फाइल बनाने के नाम पर 100 रुपये की मांग की. उसके पास पैसा पैसे नहीं थे. इस पर उसके पिता को डेंगू वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया. शिव भगवान ने बताया कि पिता के इलाज के लिए नर्स ने बाहर से 2 इंजेक्शन मंगवाए, जिनकी कीमत 590 रुपए थी. शिव भगवान ने कहा कि 4 दिनों में सिर्फ वही दो इंजेक्शन लगाए गए हैं और अस्पताल की कोई दवा नहीं दी गई.
उसने घर जाने के लिए एंबुलेंस देने को कहा तो अस्पताल के कर्मचारियों ने बताया कि एंबुलेंस सिर्फ मरीजों को लाती है, वापस छोड़ने नहीं जाती है. स्थानीय लोगों ने कुछ पैसे देकर उसकी मदद की. इसके बाद शिव भगवान को जब कोई उपाय नहीं सूझा तो उसने पिता को पीठ पर लादा और जिला अस्पताल से निकल पड़ा.
उसका घर 30 किलोमीटर दूर था. वह 2 किलोमीटर तक पिता को पीठ पर लादकर एलबीएस चौराहे तक पहुंचा. वहां पर कुछ समाजसेवियों ने उसे देखा तो रोक लिया. शिव भगवान ने बताया कि उसके पास पैसे नहीं थे. अस्पताल से एंबुलेंस मांगी, लेकिन वह मिली नहीं, इसलिए करीब 30 किमी तक पिता को पीठ पर लादकर ले जा रहा हूं. इस पर लोगों ने शिव भगवान को कुछ पैसे दिए और एक टेंपो की व्यवस्था कर पिता और बेटे को घर भेजा. वहीं इस मामले में जब सीएमएम से बात की गई तो उन्होंने कहा कि उन्हें मामले की जानकारी नहीं है. अगर कोई आरोप है तो जांच कर करर्रवाई की जायेगी.