UP news
यूपी : वाराणसी में पूर्व विधायक सुरेंद्र नारायण सिंह को ठगने वाला ड्राइवर हुआ गिरफ्तार, वहीं 30 लाख रुपये की कर डाली आनलाइन शापिंग।
वाराणसी। रोहनियां विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक सुरेंद्र नारायण सिंह के ड्राइवर ने धोखाधड़ी करते हुए उनके ही खाते से 30 लाख रुपये की ठगी कर ली। आनलाइन शापिंग के जरिए ढेरों सामान मंगाए। यह सिलसिला लगभग दो साल तक चलता रहा। ठगी की जानकारी होने पर पूर्व विधायक की ओर से लिखाए गए मुकदमें की जांच के दौरान ड्राइवर की करतूत सामने आयी। पुलिस ने उसे गिरफ्तार करते हुए उसके पास से लगभग आठ लाख रुपये के सामान बरामद किया। इनमें ज्यादातर डीजे सिस्टम के हैं।
वहीं साइबर क्राइम थाना सारनाथ में पकड़े गए आरोपित विवेक कुमार को मीडिया के सामने लाते हुए नोडल अधिकारी साइबर क्राइम अभिषेक पाण्डेय ने बताया कि रोहनिया थाना क्षेत्र के औढ़े निवासी पूर्व विधायक सुरेन्द्र नारायण सिंह ने चार अप्रैल को साइबर क्राइम थाना में मुकदमा दर्ज कराया था। उन्होंने बताया था कि मेरा खाता विधानसभा लखनऊ स्थित बैंक में है।
वहीं इसमें विधायक पद से संबंधित सेलरी आती है। मेरे खाते से किसी ने मेरी जानकारी के बिना धोखे से वर्ष 2019 से 2021 के बीच लगभग 30 लाख रुपये की आनलाइन शापिंग की है। इस मामले में नोडल अधिकारी साइबर क्राइम अभिषेक पाण्डेय की निगरानी में टीम गठित करके जांच शुरू की गयी। बैंक व आनलाइन शांपिग कम्पनियों से लगातार जानकारी हासिल करने पर पूर्व विधायक के ड्राइवर मिर्जापुर सिखर के गौरिया गांव निवासी विवेक कुमार की संलिप्तता सामने आयी। शुक्रवार को उसे करसड़ा विद्युत उपकेंद्र के पास से गिरफ्तार कर लिया गया।
वहीं पुलिस की पूछताछ में उसने बताया कि वह वर्ष 2018 से पूर्व विधायक की फार्चुनर कार चलाता था। उनके स्वजन उसे परिवार के सदस्य के रूप में मानते थे। पूर्व विधायक का मोबाइल, एटीएम सब वह अपने पास रखता था। धोखाधड़ी की योजना के तहत धीरे-धीरे परिवार का भरोसा जीत लिया। इसके बाद अपने मोबाइल में आनलाइन शापिंग कम्पनियों का एप डाउनलोड करके आनलाइन शापिंग शुरू कर दिया।
वहीं इसके लिए पूर्व विधायक का डेबिट कार्ड का इस्तेमाल करता था। ओटीपी उनके मोबाइल पर आता था तो उसे आसानी से हासिल कर लेता था। सामानों को अपने घर के पते पर मंगाता था जिससे किसी को पता नहीं चलता था। गिरफ्तार करने वाली टीम में साइबर क्राइम थाना प्रभारी निरीक्षक विजय नारायण मिश्र, उपनिरीक्षक सुनील कुमार यादव, हेड कांस्टेबल श्याम लाल गुप्ता, आलोक कुमार सिंह, प्रभात कुमार द्विवेदी, हेमंत कुमार आदि रहे।
वहीं दूसरी तरफ़ कक्षा पांच तक शिक्षा प्राप्त विवेक कुमार पूर्व विधायक सुरेन्द्र नाराणय सिंह की गाड़ी चलाता था। वह एक डीजे सिस्टम तैयार करना चाहता था। इसके लिए जरूरी सामानों की आनलाइन शापिंग करता था। उसने कई तरह के एम्पलिफायर, लाइट, म्यूजिक सिस्टम, टीवी स्क्रीन, मोबाइल समेत ढेरों सामान मंगाए। इनमें से कई सामान को पुलिस ने बरामद किया है।
वहीं पूर्व विधायक को ठगने वाला विवेक कुमार चुनार थाने का चौकीदार भी है। ड्राइवर के तौर पर नौकरी करने पर उसे हर महीने नौ हजार रुपये मिलते थे लेकिन वह जल्दी से जल्दी अमीर बनना चाहता था। इसके लिए उसने ठगी का रास्ता चुना। पूर्व विधायक और उनके स्वजनों का भरोसा जीतकर उन्हें ही धोखा देने लगा था।
वहीं विवेक आनलाइन शापिंग के जरिए अपने हर शौक पूरे कर रहा था। दो सालों में एक बार भी उसकी धोखाधड़ी किसी के सामने नहीं आ सकी इसलिए उसका हौसला बढ़ता गया। उसने 138 सेमी की 5.8 लाख रुपये टीवी खरीदी थी। 50 हजार रुपये के जूते अलग-अलग कम्पनियों के खरीदे। खाने-पीने और कपड़ों पर लाखों रुपये खर्च किया। 120 लीटर क्षमता का कूलर भी खरीदा था। इनमें से कई सामान पुलिस के हाथ लगे।