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लद्दाख हादसा में सेना ने की बड़ी कार्यवाही ,  ड्राइवर अहमद शाह पर एफआईआर दर्ज

लद्दाख हादसा में सेना ने की बड़ी कार्यवाही , ड्राइवर अहमद शाह पर एफआईआर दर्ज


नई दिल्ली। लद्दाख के तुरतुक सेक्टर में शुक्रवार को हुए वाहन हादसे में मारे गए सैनिकों के मामले में बड़ी कार्रवाई की गई है। श्योक नदी में बस गिरने के मामले में ड्राइवर के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।


घायल जवानों का हेल्थ अपडेट भी जारी किया गया है। भारतीय सेना की पश्चिमी कमान ने शनिवार को कहा कि लद्दाख के तुरतुक सेक्टर में शुक्रवार को वाहन के सड़क से फिसलकर श्योक नदी में गिरने से घायल हुए 19 सैनिकों की हालत स्थिर है। हादसे में सात जवानों की मौत हो गई थी।

पश्चिमी कमान ने बताया कि परतापुर के पास एक बस दुर्घटना में घायल पश्चिमी कमान के 19 सैनिकों को एयरलिफ्ट किया गया था और चंडीगढ़ के ग्रीन कॉरिडोर से इलाज के लिए कमांड अस्पताल ले जाया गया था। तत्काल सर्जिकल प्रक्रियाएं की गईं और सभी वर्तमान में स्थिर हैं।


हादसा थोइस से करीब 25 किलोमीटर दूर सुबह नौ बजे हुआ। 26 सैनिक निजी तौर पर किराए के वाहन में परतापुर में ट्रांजिट कैंप से जा रहे थे। वहां एक भारतीय सेना ब्रिगेड का मुख्यालय है। सभी सैनिकों को उस क्षेत्र में एक अग्रिम स्थान पर ले जाया जा रहा था जिसे सेना सब सेक्टर हनीफ कहती है। एक अधिकारी ने बताया कि वाहन सड़क से फिसल गया और श्योक नदी में लगभग 50-60 फीट की गहराई तक गिर गया, जिससे सभी लोग घायल हो गए। सैनिकों को शुरू में परतापुर के 403 फील्ड अस्पताल में ले जाया गया और बाद में देश में सेना की बेहतरीन चिकित्सा सुविधाओं में से एक पश्चिमी कमान अस्पताल में इलाज के लिए चंडीगढ़ ले जाया गया।


नुब्रा के स्टेशन हाउस ऑफिसर इंस्पेक्टर स्टेनज़िन दोरजे ने कहा कि प्रथम दृष्टया, यह ड्राइवर की लापरवाही का मामला प्रतीत होता है। चांगमार के चालक अहमद शाह ने बस से नियंत्रण खो दिया और यह लगभग 80 से 90 फीट गहरी खाई में लुढ़क गई। इसके बाद लेह पुलिस, सेना और स्थानीय लोगों ने बचाव अभियान शुरू किया।
सेना के अधिकारी ने जानकारी दी कि ड्राइवर अहमद शाह के खिलाफ आईपीसी की धारा 279 (तेज या लापरवाही से गाड़ी चलाना), 337 (मानव जीवन को खतरे में डालने वाले कृत्य से चोट पहुंचाना), 304-ए (लापरवाही से मौत का कारण) के तहत मामला दर्ज किया गया है। केस नुब्रा थाने में दर्ज कराया गया है। सेना के एक अधिकारी ने कहा कि यह घटना इसका सबूत है कि किस तरह सैनिक सुदूर इलाकों में अपनी ड्यूटी करने के लिए अपनी जान की बाजी लगा देते हैं।