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गेहूं संकट से जूझ रहे पाकिस्तान की मदद करेगा भारत , पीएम मोदी ने रखी है यह शर्त !
नई दिल्ली ।भारत द्वारा जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे को रद्द करने के बाद से भारत-पाकिस्तान के बीच संबंध खराब हो गये थे लेकिन अब ये दोनों देश गतिरोध को दूर करने के लिए पर्दे के पीछे से बातचीत कर रहे हैं।
पाकिस्तान ने भारत से जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 छीनने के बाद संबंध खराब कर लिए थे। हालांकि अब पाकिस्तान में गेहूं के संकट को दूर करने में पड़ोसी देश ने मदद करने की इच्छा भी जताई है लेकिन भारत, इसके लिए पाकिस्तान से इसकी एक खास कीमत वसूलना चाहता है।
द ट्रिब्यून एक्सप्रेस की रिपोर्ट में कहा गया है, ' 2019 से दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंध खराब हो गए, द्विपक्षीय व्यापार निलंबित कर दिया गया और कोई सीधी वार्ता नहीं हुई। लेकिन अब दोनों देश एक-दूसरे से बिना किसी शोरगुल के बात कर रहे हैं।' इन्हीं संपर्कों के कारण फरवरी 2021 में युद्धविराम समझौते का नवीनीकरण हुआ और तब से संघर्ष विराम जारी है और इसके उल्लंघन की कोई बड़ी घटना नहीं हुई है। लेकिन इस प्रक्रिया से दोनों देशों के बीच वार्ता की बहाली के मामले में कोई सफलता नहीं मिल सकी।
एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट में आधिकारिक सूत्र के हवाले से कहा गया है, 'प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के कार्यभार संभालने के पहले से ही दोनों देश एक दूसरे से बिना शोरगुल किए बातचीत कर रहे हैं। इसे बैक चैनल कहें, ट्रैक-2 या पर्दे के पीछे की बातचीत, मैं केवल इस बात की पुष्टि कर सकता हूं कि दोनों देशों के प्रासंगिक लोग एक-दूसरे के संपर्क में हैं।' हालांकि सूत्र को मुताबिक उसके पास उन संपर्कों का कोई सटीक विवरण नहीं है।
द ट्रिब्यून के मुताबिक भारत फिर से बात करने को इच्छुक है, लेकिन उसका रवैया कड़ा ही है। भारत कश्मीर मुद्दे पर कोई छूट देने के मूड में नहीं है। वहीं, पाकिस्तान में गठबंधन सरकार के एक वरिष्ठ सदस्य कहा कि हमारी नीति स्पष्ट है। हम भारत सहित सभी से जुड़ना चाहते हैं। इससे पहले पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा था कि वह भारत के साथ अच्छे संबंध चाहते हैं लेकिन कश्मीर पर पहले बात करनी होगी।
खबर में दावा किया गया है कि पश्चिमी देश जैसे अमेरिका और ब्रिटेन तनाव को कम करने और दोनों पड़ोसी देशों के बीच फिर से बातचीत शुरू करने के लिए दबाव डाल रहे हैं। इसके साथ ही दिल्ली सरकार पाकिस्तान में गेहूं की कमी पूरी करने के लिए तैयार है। पाकिस्तान फिलहाल रूस से 20 लाख टन गेहूं आयात करने की बात कर रहा है।
भारत गेहूं के शीर्ष उत्पादक देशों में है। वहीं पाकिस्तान में गेहूं की कमी है। पाकिस्तान में गेहूं की पैदावार में 2 फीसदी की गिरावट की उम्मीद है। राजनीतिक संकट से जूझ रहे इस देश में गेहूं की कीमत लगातार बढ़ती जा रही है। पाकिस्तान इस सीजन अपनी घरेलू कमी को पूरा करने के लिए 40 लाख मीट्रिक टन गेहूं आयात करने की योजना बना रहा है। कम परिवहन और अन्य रसद शुल्कों को देखते हुए पाकिस्तान कम कीमत पर भारत से गेहूं का आयात कर सकता है। लेकिन भारत कि शर्त है कि पाकिस्तान कश्मीर मुद्दे को भूलकर कोई बात करे।
हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान में राजनीतिक अनिश्चितता और दोनों पक्षों की ओर से बातचीत को फिर से शुरू करने के लिए कड़ी शर्तों को देखते हुए तत्काल सफलता की संभावना कम है। फिर भी पाकिस्तान की मौजूद आर्थिक समस्याओं को देखते हुए लगता है कि यह देश कश्मीर मुद्दे पर चुपचाप आंखें मूद लेगा और कम कीमत गेहूं खरीद मुल्क में आए संकट को दूर करने की दिशा में काम करेगा।