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भारत की बिल गेट्स ने की जमकर तारीफ़ , बोले -  टीकाकरण अभियान की कामयाबी से सीखे दुनियां

भारत की बिल गेट्स ने की जमकर तारीफ़ , बोले - टीकाकरण अभियान की कामयाबी से सीखे दुनियां



नई दिल्ली. इन दिनों कोरोना वायरस को मात देने के लिए भारत में वैक्सीनेशन का सबसे बड़ा अभियान चलाया जा रहा है. हर रोज़ लाखों की संख्या में कोरोना से बचाव के लिए टीके लगाए जा रहे है.


इस सफल अभियान के लिए माइक्रोसॉफ्ट के को-फाउंडर बिल गेट्स ने भारत की जम कर तारीफ की है. उन्होंने कहा है कि जिस बड़े स्तर पर इस अभियान को चलाया जा रहा है उससे दुनिया को भारत से सीखने की जरूरत है. बता दें कि पिछले दिनों दावोस में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के दौरान बिल गेट्स से स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने मुलाकात की थी.

मनसुख मंडाविया ने इस मुलाकात की ट्वीट कर जानकारी दी थी. अब शनिवार को बिल गेट्स ने जवाब देते हुए भारत की तारीफ की है. उन्होंने लिखा, ‘मनसुख मंडाविया से मिलकर अच्छा लगा. हमने ग्लोबल हेल्थ को लेकर चर्चा की. भारत ने वैक्सीनेशन को लेकर जिस तरह का सफल आयोजन किया है और साथ जिस प्रकार से टेक्नोलॉजी का इसमें इस्तेमाल किया गया है, इससे दुनिया को सीखने की जरूरत है.’


पिछले हफ्ते 25 मई को मनसुख मंडाविया ने बिल गेट्स से मुलाकात की थी. इस मीटिंग की एक फोटो शेयर करते हुए उन्होंने लिखा था, ‘ बिल गेट्स ने भारत के वैक्सीनेशन मैनेजमेंट की तारीफ की है. हमने स्वास्थ्य सेवा से संबंधित विषयों पर चर्चा की. जिसमें डिजिटल स्वास्थ्य को बढ़ावा देना, रोग नियंत्रण प्रबंधन, mRNA क्षेत्रीय केंद्रों का निर्माण, और सस्ती और गुणवत्ता वाले चिकित्सा उपकरणों के विकास को मजबूत करना आदि शामिल हैं.’

बता दें कि पिछले दिनों विश्व आर्थिक मंच के नेताओं ने भी भारत के वैक्सीनेशन अभियान की तारीफ की थी. इ सबने कहा था कि हर किसी को टीकों के मामले में समानता और व्यापक टीकाकरण सुनिश्चित करने के लिए भारतीय मॉडल का पालन करने की आवश्यकता है. डब्ल्यूईएफ के अनुसार भारत ने दुनिया को ये आश्वासन भी दिया कि वो वैश्विक वैक्सीन राजधानी बनने के लिए दृढ़संकल्प है और अब वो अन्य देशों को पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने की स्थिति में है.


बता दें कि भारत ने पिछले साल जनवरी में कोविड के खिलाफ दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान शुरू किया था. तब से लेकर अब तक लगभग 88 प्रतिशत वयस्कों को टीके की कम से कम दो डोज़ लग चुकी है. वायरस के खिलाफ टीकाकरण के लिए देश काफी हद तक सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के कोविशील्ड और कोवैक्सिन पर निर्भर है.