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नई दिल्ली : अब झुग्गी-कालोनी में रहने वालों के लिए आरएफआइडी कार्ड के जरिये आरओ प्लांट से मिलेगा पीने को पानी।
नई दिल्ली। जल मंत्री सत्येंद्र जैन के नेतृत्व में बृहस्पतिवार को जल बोर्ड की बैठक हुई।ज जिसमें यमुना सफाई के लिए सीवरेज प्रबंधन व पेयजल आपूर्ति से जुड़ी कई परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। इसी क्रम में झुग्गी झोपड़ी कालोनियों में चरणबद्ध तरीके से आरओ प्लांट लगाकर पेयजल आपूर्ति की योजना को मंजूरी दी गई। पहले चरण में अलग-अलग जगहों पर 30 आरओ प्लांट लगाए जाएंगे, जो 24 घंटे संचालित रहेंगे।
वहीं इन आरओ प्लांट्स से आरएफआइडी (रेडियो फ्रिक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन) कार्ड के जरिये लोग पीने के लिए पानी भर सकेंगे। इसके मद्देनजर जल बोर्ड आरओ प्लांट लगाएगा और लोगों को आरएफआइडी कार्ड जारी किया जाएगा। प्रत्येक मशीन से प्रतिदिन 50 हजार लीटर पानी आपूर्ति हो सकेगी। पानी की मांग ज्यादा बढ़ने पर अधिकतम 65 हजार लीटर पानी उपलब्ध कराया जा सकेगा। आरओ प्लांट में लगे डिस्पेंसर पर कार्ड पंच करके लोग 10 लीटर या 20 लीटर पानी भर सकेंगे।
वहीं ओखला में 15 साल से बंद पड़े पुराने जल शोधन संयंत्र का नवीनीकरण होगा। जिसके बाद इस संयंत्र से पानी में अमोनिया की मात्रा 10 पीपीएम (पार्ट पर मिलियन) होने पर भी शोधित किया जा सकेगा। इस संयंत्र से छह एमजीडी पानी आपूर्ति हो सकेगी। इससे अमोनिया के कारण पेयजल आपूर्ति प्रभावित होने की समस्या कम होगी। सामान्य तौर पर परंपरागत जल शोधन संयंत्रों से पानी में 0.5 पीपीएम तक अमोनिया होने पर उसका शोधन हो पाता है।
वहीं पूर्वी दिल्ली के करावल नगर और मुस्तफाबाद इलाके के 12 कालोनियों के 25 हजार परिवारों को दिल्ली सरकार निशुल्क सीवर कनेक्शन देगी, ताकि घरों से निकालने वाला सीवरेज यमुना विहार एसटीपी में शोधित किया जा सकेगा। इससे यमुना में गिर रहे करीब 2.5 करोड़ लीटर सीवेज का शोधन हो सकेगा।
वहीं इस परियोजना पर 19 करोड़ रुपये खर्च होगा। इसके अलावा नरेला के आसपास के कालोनियों में 10 किमी और बुराड़ी में 25 किमी की सीवर लाइनें बिछाने की मंजूरी दी है। इससे नरेला के करीब 15,000 और बुराड़ी के 41,000 लोगों को फायदा मिलेगा।
वहीं 40 एमजीडी क्षमता वाले रिठाला एसटीपी को अपग्रेड किया जाएगा। जिसके बाद संयंत्र से शोधित सीवरेज के पानी में बीओडी (बायोलोजिकल आक्सीजन डिमांड) का स्तर 15 मिलीग्राम प्रति लीटर से घटकर 10 मिलीग्राम प्रति लीटर रह जाएगा।
वहीं खास बात यह है कि इस परियोजना पर शुरुआती चरण में जल बोर्ड को सिर्फ 24 करोड़ रुपये का भुगतान करना होगा। परियोजना पर कुल 260 करोड़ रुपये का भुगतान 10 वर्षों में किश्तों के आधार पर किया जाएगा। इससे जल बोर्ड पर ज्यादा वित्तीय बोझ नहीं पड़ेगा। इरादत नगर में 100 एकड़ जमीन पर भी एक झील भी बनाएगी। इस झील में रिठाला एसटीपी से शोधित उपचारित पानी डाला जाएगा, इससे भूजल रिचार्ज होगा।
वहीं सोनिया विहार में छह हजार वर्ग मीटर में सात एमजीडी क्षमता का बहुमंजिला एसटीपी और राजीव नगर में 12 एमजीडी क्षमता का पंपिंग स्टेशन बनेगा। इस एसटीपी में सोनिया विहार के आसपास के छह अनधिकृत कालोनियों से निकलने वाले करीब सात एमजीडी सीवेज का शोधन हो सकेगा। इसे 2.34 लाख लोगों को फायदा होगा।