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यूपी : कानपुर में फिल्मी स्टाइल में संकरी गलियों से फरार हुआ अपराधी, वहीं लेकिन ईद से पहले गैंगवार के मंसूबों पर पानी फेरने कामयाब हुई पुलिस।
कानपुर। ईद से ठीक एक दिन पहले शहर को गैंगवार से दहलाने की कोशिश पुलिस ने नाकाम कर दी। कर्नलगंज के छोटे मियां के हाता में दो अपराधी गुटों में तीन दिनों से चल रहा टकराव सोमवार को चरम पर पहुंच गया। हत्याकांड को अंजाम देने की तैयारी हो चुकी थी। शूटर पहुंच गए थे और शाम को वारदात को अंजाम देने की योजना थी।
वहीं इस बीच, एसीपी कर्नलगंज को मामले की भनक लग गई। वह अपने हमराही के साथ मोटरसाइकिल से ही मौके पर पहुंचे और दबिश डाल दी। आरोपित मौके से भाग निकले। एहतियात के तौर पर क्षेत्र में पुलिस बल को सतर्क रहने को कहा गया है।
वहीं पुलिस सूत्रों के मुताबिक, छोटे मियां का हाता निवासी दानिश कालिया के भाई की क्षेत्र के एक अन्य अपराधी गिरोह ने पिटाई कर दी थी। दो दिन पहले हुई घटना को लेकर दोनों गुट आमने-सामने थे। दानिश कालिया अपने गुर्गों को बदला लेने के लिए एकजुट कर चुका था। दो आधुनिक पिस्टल से लैश दानिश के गुर्गे सोमवार शाम को विरोधी पक्ष पर हमला करने की तैयारी में थे। इस बीच, मुखबिर ने सारी जानकारी एसीपी कर्नलगंज त्रिपुरारी पांडेय तक पहुंचा दी।
वहीं सोमवार की सुबह करीब नौ बजे वह दानिश कालिया के ठिकाने पर पहुंच गए। दबिश पड़ते ही अपराधियों में खलबली मच गई। पुलिस ने कालिया को दो किलोमीटर तक पैदल दौड़ाया लेकिन मोहल्ले की संकरी गलियों का लाभ लेकर वह फरार हो गया।
वहीं दानिश कालिया के ठिकाने पर दबिश डालने के बाद लौटे एसीपी ने जब उसकी कुंडली खंगाली तो वह भी चकरा गए। पता चला कि उसे चौकी और थाना पुलिस से पूरा आशीर्वाद मिला हुआ था। थाना रिकार्ड में केवल चार मुकदमे दर्ज थे लेकिन जांच कर ब्योरा तलब किया गया तो पता चला कि उसके खिलाफ कुल 15 मुकदमे दर्ज हैं। यह रिकार्ड भी वर्ष 2019 तक ही है। मुकदमों की संख्या इससे ज्यादा भी हो सकती है।
वहीं खास बात यह है कि इतने मुकदमे दर्ज होने के बावजूद दानिश कालिया की आज तक न तो हिस्ट्रीशीट खोली गई, न गैंगस्टर एक्ट और न ही गुंडा एक्ट के तहत कार्रवाई हुई। थाने या चौकी की टाप टेन लिस्ट तक से उसका नाम नदारद है।
वहीं जांच में पता चला है कि चंद साल पहले दानिश की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी, मगर जरायम के दम पर अब वह करोड़पति बन चुका है। मोहल्ले में ही उसने कई घर बना लिए हैं। एक वकील को आगे रखकर वह प्रापर्टी डीलिंग के धंधे में उतर आया है और फ्लैट बनाकर बेच रहा है। मगर, भूमाफिया वाली लिस्ट में भी उसका नाम नहीं है।
वहीं दानिश कालिया की तलाश में पुलिस ने उसके ठिकाने पर दबिश दी थी। वह हत्या की योजना बना रहा था। पुलिस को चकमा देकर वह भागने में कामयाब रहा। चौकी और थाना पुलिस की कार्यप्रणाली की जांच की जा रही है कि आखिर किन हालातों में उसका रिकार्ड मेनटेन नहीं रखा गया और कोई आवश्यक निरोधात्मक कार्रवाई नहीं हुई।