Headlines
Loading...
यूपी : कानपुर में अमन की दुआ को उठे हाथ, वहीं ईदगाह-मस्जिदों में नमाज अदा कर गले मिल दी मुबारकबाद।

यूपी : कानपुर में अमन की दुआ को उठे हाथ, वहीं ईदगाह-मस्जिदों में नमाज अदा कर गले मिल दी मुबारकबाद।

                                    

कानपुर। माह-ए-रमजान में सोमवार की शाम चांद दिखाई देते ही शहर में रोजेदारों में खुशियों की बहार नजर आई और मंगलवार की सुबह ईदगाह व मस्जिदों में जुटे अकीदतमंदों ने नमाज अदा कर अमन की दुआ की। दुआ में देश में एकता, भाईचारा, अमन व खुशहाली की मांग की और एक दूसरे से गले मिलकर ईद की मुबारकबाद दी। बड़ी ईदगाह समेत प्रमुख स्थानों पर प्रशासनिक और पुलिस अफसर मौजूद रहे और सभी को त्योहार की शुभकामनाएं दीं। वहीं लोगों ने एक दूसरे के घरों पर जाकर लजीज व्यंजनों का स्वाद लिया।

वहीं ईद की तैयारियां सोमवार से ही शुरू हो गई थी और देर रात तक लोग खरीदारी करते रहे। सुबह लोगों ने नए कपड़े पहने और इत्र लगाकर मस्जिदों व ईदगाहों की तरफ रवाना हुए। नमाज के लिए जगह के लिए पहले से ही लोग ईदगाहों व मस्जिदों में पहुंच गए। ईदगाह के रास्ते पर नमाजियों का तांता लगा रहा। धूप से बचाने के लिए ईदगाहों में व्यवस्था भी की गई थी।

वहीं कोरोना संक्रमण की वजह से पिछले दो वर्षों से लोग घरों में ही नमाज अदा कर रहे थे और निर्धारित संख्या में ही लोगों ने मस्जिदों में नमाज अदा करने की छूट थी। लेकिन इस बार ये बंदिश नहीं रही तो ईद की खुशियां भी दोगुनी हो गईं। ईदगाहों व मस्जिदों में नमाजियों की भीड़ उमड़ने से जगह न मिलने पर लोगों ने बाहर ही नमाज अदा की। 

वहीं नमाज के बाद गले मिलकर ईद की मुबारकबाद दी गई। बड़ी ईदगाह में मौलाना शकील ने, मसवानपुर ईदगाह में मौलाना मुश्ताक अहमद मुशाहिदी ने, चांदमारी ईदगाह में शहरकाजी मुफ्ती साकिब अदीब ने, गद्दियाना में मौलाना हाशिम अशरफी ने ईद की नमाज अदा कराई।

वहीं बड़ी ईदगाह बेनाझाबर में जगह भरने पर लोगों ने बाहर नमाज अदा की। बड़ी ईदगाह में सुबह 8.30 बजे नमाज का समय था, इससे काफी पहले ही लोगों के आने का सिलसिला शुरू हो गया। नमाज से पहले ईदगाह नमाज़ियों से भर गई। ईदगाह में जगह खत्म होने पर लोगों ने बाहर दरी, चादर, जानमाज बिछा कर नामाज़ अदा की। ईदगाह परिसर में दो लाख नमाज़ियों की क्षमता है। ईदगाह के बाहर भी सड़क पर बड़ी संख्या में नमाजी उपस्थित रहे। दूर तक नमाजियों की भीड़ दिखाई दे रही थी।

वहीं नमाज़ियों की भीड़ को देखते हुए कई मस्जिदों में दो से तीन बार नमाज पढ़ाई गई। एक बार नमाज होने के बाद, दूसरी बार दूसरे इमाम ने नमाज अदा कराई। कई मस्जिदों में जगह भरने पर लोगों ने बाहर नमाज अदा की। अहले हदीस मुस्लिमों की ईदगाहों में पुरुषों के साथ महिलाओं ने भी सामूहिक रूप से नमाज अदा की। पुरुषों की जमात आगे बनाई गई। उनके पीछे महिलाओं के लिए पर्दे की व्यवस्था की गई थी। पुरुषों व महिलाओं ने एक ही इमाम के पीछे नमाज अदा की। फेथफुलगंज स्थित ईदगाह मास्टर अब्दुल करीम में मौलाना अब्दुल समी नदवी ने नमाज की इमामत की। सुजातगंज ईदगाह में मौलाना रजा उल्लाह सलफी ने नमाज अदा कराई।