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यूपी : वाराणसी में अक्षय तृतीया पर गंगा में पुण्य की लगीं डुबकी, वहीं बाबा दरबार में आस्था का बिखरा सावन।
वाराणसी। अक्षय तृतीया के मौके पर मंगलवार की सुबह भगवान शिव की नगरी काशी में धार्मिक आयोजनों और अनुष्ठानों का दौर सूर्योदय के साथ ही शुरू हो चुका है। बाबा दरबार से लेकर गंगधार तक आस्था की अनवरत कतार दिन चढ़ने तक बनी रही। अनुष्ठानों के क्रम में सुबह लोगों ने गंगा में पुण्य की डुबकी लगाने के साथ ही अक्षय पुण्य की कामना के साथ ही परंपराओं और रीति रिवाजों के अनुरूप ही आस्था का सागर गंगा तट पर उमड़ा। लोगों ने हवन पूजन के साथ ही गंगा में उगते सूर्य को अर्घ्य दिया और स्नान के बाद दान की परंपराओं का निर्वहन भी किया। गंगा में स्नान के बाद लोगों ने बाबा दरबार पहुंचकर हाजिरी भी लगाई।
वहीं बाबा दरबार से लेकर विभिन्न मंदिरों में अक्षय पुण्य की कामना के साथ ही लोगों ने हाजिरी लगाई और बाबा दरबार के अलावा बीएचयू वीटी सहित दुर्गाकुंड और अन्य शिवालयों में लोगों की आस्था का क्रम दिन चढ़ने तक बना रहा। आस्थावानों के बीच अक्षय पुण्य की कामना के साथ ही विभिन्न घाटों पर स्नान और दान की परंपरा का निर्वहन भी आस्थावानों द्वारा किया गया। गंगा तट पर यथाशक्ति धन धान्य का दान करने के साथ ही आस्था गंगा गोमती संगम तट पर भी उमड़ी।
वहीं अक्षय तृतीया के मौके पर सुबह दस बजे के पूर्व ही स्वर्णाभूषण की दुकानें खुल गईं। सुबह से ही सोने और चांदी के सिक्के खरीदने की परंपरा का निर्वहन किया गया। यथाशक्ति लोगों ने अपने जेब के अनुरूप चांदी और सोने के सिक्के ही नहीं बल्कि आभूषण और खाद्यान्न की खरीद कर घर को धन धान्य से वर्ष भर परिपूर्ण होने की कामना की। घरों के मंदिरों में दीपक जलाए गए और अक्षय पुण्य की कामना के साथ ही आस्था के साथ कुल देवी और देवताओं का भी पूजन कर घर घर अनुष्ठान की परंपराओं का पालन किया गया।