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यूपी : आगरा में पूर्वांचल से आती है अवैध कारतूसों की बड़ी डिमांड, वहीं तस्कर कर रहे थे इन्हें वेस्ट यूपी के कई जिलों से पूर्ति।

यूपी : आगरा में पूर्वांचल से आती है अवैध कारतूसों की बड़ी डिमांड, वहीं तस्कर कर रहे थे इन्हें वेस्ट यूपी के कई जिलों से पूर्ति।

                          Rajkumar Saraswat Reporter

आगरा। अवैध कारतूस तस्करों ने पश्चिम यूपी के कई शहरों से कारतूस खरीदकर पूर्वांचल में बेचे हैं। राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) की छानबीन में इसकी पर्तें खुलती जा रही है। मेरठ, अलीगढ़ के बाद मुरादाबाद में कारतूस खरीदे जाने के सुराग मिले चुके हैं। संभल, बिजनौर के साथ ही कई और जिलों से भी कारतूस खरीदे जाने की आशंका है।

वहीं इन कारतूसों को प्रतापगढ़, गाजीपुर के साथ ही बिहार के भी कई जिलों में बेचा गया। अवैध कारतूस तस्करी के मामले में जीआरपी पिछले 11 दिन से छानबीन में जुटी हुई है। जैसे-जैसे सुराग मिल रहे हैं, जांच का दायरा भी बढ़ाया जा रहा है।

वहीं मुरादाबाद स्थित एक गन हाउस से भी कारतूस खरीदे जाने के सुराग मिले हैं। जीआरपी ने कई जिलों के डीएम को पत्र लिखकर कारतूसों की खरीद-फरोख्त की जानकारी को लेकर पत्र लिखा है। जीआरपी को आशंका है कि अवैध कारतूस मामले के मास्टरमाइंड अमरोहा निवासी प्रतीक सक्सेना ने पश्चिम यूपी के कई जिलों से कारतूस खरीदे।

वहीं इस मामले में जीआरपी अब तक प्रतीक सक्सेना सहित पांच लोगों को हिरासत में ले चुकी है। फिरोजाबाद निवासी एजेंट शादाब व फैजान, प्रतापगढ़ निवासी आशीष मिश्रा तथा मेरठ निवासी असलम पहलवान जीआरपी के हत्थे चढ़ चुके हैं।

वहीं 50 हजार रुपये का इनामी फिरोजाबाद निवासी राशिद उर्फ फिरोज अभी भी फरार है। जीआरपी एसपी मुश्ताक अहमद ने बताया कि अब तक की छानबीन में पता चला है कि प्रतीक सक्सेना ने पश्चिम यूपी के कई जिलों से कारतूस खरीदे और इन्हें पूर्वांचल के एजेंटों को बेचा। इनकी तलाश की जा रही है।