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यूपी : कानपुर में नहीं पड़ी पेयजल लाइन, वहीं पानी के लिये तरसती आबादी, वहीं रूपये लेकर सबमर्सिबल से घरों तक होती आपूर्ति।

यूपी : कानपुर में नहीं पड़ी पेयजल लाइन, वहीं पानी के लिये तरसती आबादी, वहीं रूपये लेकर सबमर्सिबल से घरों तक होती आपूर्ति।

                                      

कानपुर। बाबूपुरवा के नमक वाले हाते की पांच हजार की आबादी पेयजल के लिए तरस रही है। यहां पानी की पाइप लाइन ही नहीं है। इसके चलते, यहां लोग कुछ घरों में लगे सबमर्सिबल पंप पर निर्भर हैं। इसके बदले उन्हें पानी की कीमत 300 रुपये प्रतिमाह चुकानी पड़ती है। पानी भी एक वक्त ही मिलता है।

वहीं कमरुनिशां, मैमूना बेगम, फैमिदा बेगम बताती हैं कि पहले लोग 500 मीटर दूर दूसरे इलाकों के हैंडपंप से पानी भरते थे। धीरे-धीरे यहां भी 20-22 लोगों ने सबमर्सिबल पंप लगवा लिए। अब ये लोग पानी के बदले 300 रुपये प्रतिमाह वसूलते हैं। वहीं, जलकल के सहायक अभियंता अजीत यादव ने बताया कि नमक वाले हाते में पेयजल लाइन 15वें वित्त में स्वीकृत है। जल्द लाइन डलवायी जाएगी।

वहीं बाबूपुरवा के नमकवाला हाता में बिजली की लाइनों की तरह घरों से पानी के पाइप लटके हुए हैं। शेरू बताते हैं कि लोग जिस सबमर्सिबल पंप से पानी लेते हैं, वहां तक पाइप अपने घर तक ऊपर ही ऊपर ले गए हैं। जब पानी चालू होता है तो पाइप इसमें लगा देते हैं और पानी घरों में चला जाता है।

वहीं बाबूपुरवा कालोनी में एक माह से ज्यादा समय से दूषित पानी की आपूर्ति हो रही है। शिकायत करने के बाद अधिकारी ने पानी के दो टैंकर भिजवा दिए हैं। पार्षद हरीशंकर गुप्ता ने बताया कि जलकल के अधिकारी घर-घर पहुंचकर दूषित जलापूर्ति की जांच कर रहे हैं।