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यूपी : कानपुर के सटोरिये बने पर्यटक, वहीं होटलों से मीटिंग एप पर लगा रहे दांव।
कानपुर। पर्ची के दौर से निकल सट्टा डिजिटलीकरण में बेटिंग एप पर पहुंचा तो पुलिस इस एप तक भी पहुंच गई। यह हथकंडा बेकार जाने के बाद अब सटोरिये नया पैतरा अपनाते हुए मीटिंग एप के जरिये दांव लगा रहे हैं।
वहीं पुलिस को चकमा देने के लिए शहर के सटोरिये पर्यटक बन दूसरी जगहों पर जाकर होटलों में अड्डा जमा रहे हैं और मीटिंग एप से सट्टा खेल रहे हैं। इसका भी वही तरीका रहता है कि बड़े बुकी के पास टोकन मनी जमा कर लिंक, आइडी और पासवर्ड लेना होता है।
वहीं सट्टे के डिजिटलीकरण के बाद पुलिस धरपकड़ करने में मोबाइल ही जब्त करती थी, जिसमें बेटिंग एप मिलता था। बेटिंग एप एक मजबूत साक्ष्य होता था। पुलिस की पकड़ से बचने के लिए मीटिंग एप के माध्यम से अब सट्टे का कारोबार फल-फूल रहा है।
वहीं शहर में धरपकड़ शुरू होने के बाद सटोरिये आगरा, दिल्ली, मध्य प्रदेश में पर्यटक बनकर जाते हैं। होटलों में कमरा लेकर वहां से मीटिंग एप की मदद से सट्टा बाजार से जुड़ते हैं। सट्टा माफिया के गुर्गे ही लोकल बुकी को लिंक आइडी और पासवर्ड मुहैया कराते हैं।
वहीं पुलिस सूत्रों ने बताया कि साप्ताहिक और मासिक हिसाब के लिए नकद लेनदेन होता है, लेकिन इसका हिसाब सिर्फ वीडियो कांफ्रेंसिंग में बातचीत से होता है। मोबाइल पर मीटिंग एप तो किसी के भी मोबाइल पर हो सकता है। बेटिंग एप न मिलने से पुलिस की मुश्किलें बढ़ेंगी।
वहीं नौबस्ता पुलिस ने मंगलवार को एप से सट्टा खिलाने के आरोपित अनीस उर्फ अनिल को गिरफ्तार किया था। उससे 49.90 लाख रुपये मिले थे। छानबीन में सामने आया है कि अनीस उर्फ अनिल सट्टा माफिया सोनू सरदार के गुर्गे आगरा के बड़े सटोरिये सौरभ के संपर्क में था।
बता दें कि वहीं आनंद प्रकाश तिवारी, संयुक्त पुलिस आयुक्त ने बताया कि मीटिंग एप के जरिये सट्टे के बारे में छानबीन जारी है। पकड़े गए अनीस के कनेक्शन खंगाले जा रहे हैं।