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यूपी : कानपुर बिनगंवां भूमि केस में भूमिधरी जमीन पर बैनामा और कब्जा दिलाया सरकारी जमीन पर।

यूपी : कानपुर बिनगंवां भूमि केस में भूमिधरी जमीन पर बैनामा और कब्जा दिलाया सरकारी जमीन पर।

                                

कानपुर। बिनगवां में लोगों के साथ ठगी मामले में चल रही जांच पूरी हो चुकी है। मंगलवार को जांच रिपोर्ट कमिश्नर डा. राजशेखर को सौंपी जा सकती है। जांच में वीएसीएल की धोखाधड़ी सामने आयी है। कंपनी ने भूमिधरी जमीन पर बैनामा किया और 48 खरीदारों को धोखे में रखकर सरकारी जमीन पर कब्जा करा दिया। दैनिक जागरण ने तीन आराजी की जमीन पर की रजिस्ट्री आठ आराजी की जमीन पर दिया कब्जा की खबर देकर इसका राजफाश पहले ही कर दिया था।

वहीं वीएसीएल कंपनी के इस खेल में क्षेत्रीय लेखपाल की भी भूमिका सामने आयी थी। क्षेत्रीय लोगों का आरोप था कि लेखपाल के कहने पर ही उन्होंने जमीन खरीदी थी। सरकारी जमीन का दाखिल खारिज भी उसकी रिपोर्ट पर हुआ है। हालांकि जांच टीम को लेखपाल सुजीत कुमार कुशवाहा ने जवाब दिया है कि सरकारी जमीन पर दाखिल खारिज 2019 से पहले के हैं। तब वह यहां तैनात नहीं था। एसडीएम अनुराज जैन ने बताया कि जिन बिंदुओं पर जांच करने के निर्देश थे, उन्हें पूरा कर लिया गया है। कंपनी ने रकबा बढ़ाकर रजिस्ट्री की है। लेखपाल की भूमिका जांचने के निर्देश मिलेंगे तो उसे भी जांचा जाएगा । मंगलवार को वह अपनी रिपोर्ट सौंप देंगे 
वहीं इन हूं यूटी ते में सामने आया है कि रियल इस्टेट कंपनी की जमीन अरबन सीलिंग की जमीन से लगी हुई है। इसमें कंपनी की आराजी संख्या 316 में 0.2870 हेक्टेयर, 327 में 0.3380 हेक्टेयर और 328 में 0.2560 हेक्टेयर जमीन है, जो करीब सवा तीन बीघा है। इस सवा तीन बीघा पर ही 88 लोगों को प्लाट बेच दिए गए जिसमें एक प्लाट पर तीन से चार रजिस्ट्री करने की बात सामने आयी है।

वहीं आराजी संख्या 327 में एक बीघा 18 बिस्वा जमीन है। इस जमीन के ऊपर से हाइटेंशन लाइन निकली है। राजस्व विभाग के अधिकारी बताते हैं कि इस जमीन पर प्लाटिंग नहीं हो सकती है फिर रजिस्ट्री कैसे कर दी गई।बिनगवां गांव में आठ आराजी पर करीब दस बीघा जमीन में लोगों को अवैध तरीके से कब्जा करा दिया गया। इसमें आराजी संख्या 317 में 0.3690 हेक्टेयर, 318 में 0.4000 हेक्टेयर, 319 में 0.3180, 320 में 0.3070 हेक्टेयर, 321 में 0.2660 हेक्टेयर, 322 में 0.2460 हेक्टेयर, 325 में 0.260 हेक्टेयर और 326 में 0.3070 हेक्टेयर जमीन पर यह कब्जा कराया गया है।