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देशभर में 1 जुलाई से होंगे प्रतिबंधित प्लास्टिक के कप प्लेट व थैले एवं थर्माकोल
नई दिल्ली । प्लास्टिक और पालीथिन पर्यावरण के लिए बड़ा संकट बन रही है। कूड़ा-करकट में इसे जलाए जाने पर हानिकारक गैसें वातावरण में घुलकर हवा को जहरीला बनाती हैं, वहीं इधर-उधर बिखरने के बाद यह जमीन की उर्वरा शक्ति को प्रभावित करती है।
एक जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक पर देश में पूर्ण प्रतिबंध लगाने की तैयारी है। प्लास्टिक की कटलरी और सजावट के लिए थर्मोकोल का प्रयोग नहीं किया जा सकेगा।
दुनिया में प्रतिवर्ष 100 मिलियन टन प्लास्टिक का उत्पादन होता है। इसमें से नष्ट न होने योग्य 25 मिलियन टन प्लास्टिक प्रतिवर्ष पर्यावरण संरक्षण के लिए समस्या बन रही है। पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने पर्यावरण के लिए संकट बनती सिंगल यूज प्लास्टिक पर रोक लगाने को पिछले वर्ष 21 अगस्त को अधिसूचना जारी की थी। इसके लिए चरणबद्ध कार्य योजना तैयार की गई थी। इसमें एक जुलाई से पालीस्टायरीन और विस्तारित पालीस्टायरीन के समेत सिंगल यूज प्लास्टिक को एक जुलाई से पूर्ण रूप से प्रतिबंधित किया जाएगा।
-प्लास्टिक की छड़ युक्त ईयर बड्स, गुब्बारे, आइसक्रीम, प्लास्टिक के झंडे, कैंडी की छड़ें, पालीस्टायरीन (सजावट को थर्मोकोल)।
-प्लास्टिक की प्लेट, कप, गिलास, कांटे, चम्मच, चाकू, स्ट्रा, ट्रे, मिठाई के डिब्बे, निमंत्रण कार्ड व सिगरेट के पैकेट की रैपिंग या पैकिंग फिल्म।
-100 माइक्रोन से कम के प्लास्टिक या पीवीसी बैनर।
इनका प्रयोग न करें या कम करें
प्लास्टिक के कैरी बैग।
-कृत्रिम प्लास्टिक के फूल व सजावटी सामग्री।
-पैट प्लास्टिक की पानी की बोतल (विशेषरूप से एक लीटर से कम)।
-प्लास्टिक के फोल्डर।
फोर आर को लाएं अमल में
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के प्रभारी अधिकारी कमल कुमार ने बताया कि सिंगल यूज प्लास्टिक के प्रयोग को कम करने के लिए फोर आर का अनुपालन करना होगा। सिंगल यूज प्लास्टिक को रिफ्यूज, रिड्यूस, रियूज और रिसाइकिल करना होगा।
पहले जागरूक, फिर करेंगे कार्रवाई
उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के प्रभारी क्षेत्रीय अधिकारी डा. विश्वनाथ शर्मा ने बताया कि आगरा में सिंगल यूज प्लास्टिक के उत्पादों का निर्माण करने वाली कोई इकाई नहीं है। 15 जून से सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयाेग नहीं करने को लोगों को जागरूक किया जाएगा। एक जुलाई से कार्रवाई की जाएगी।